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मुख्यमंत्री ने राज्य के वित्त प्रबंधन एवं बजट पर विमर्श थीम पर आयोजित कार्यक्रम में की शिरकत

विधायकों के लिए बजट की बारीकियों को सीखने का एक बेहतरीन मौका- मनोहर लाल

बजट तैयार करने से पहले सदस्यों द्वारा मांग आए तो उन्हें बजट में समाहित करने की करेंगे कोशिश- मुख्यमंत्री

कोविड – 19 महामारी के बावजूद हरियाणा ने तय सीमा में ही लिया ऋण- मुख्यमंत्री

पिछले सालों में हमने कई प्रयोग किए, बजट से पहले हितधारकों के साथ चर्चा की पहल शुरू की

प्रति व्यक्ति आय में बड़े राज्यों में  नंबर वन हरियाणा- मनोहर लाल

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पंचकूला 5 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विधायकों से अनुरोध किया कि वर्ष 2023- 24 के बजट पेश करने में 3 माह का समय है, इस अवधि के दौरान विधायक अपने -अपने क्षेत्रों में होने वाले कार्यों की सूची सरकार से सांझा करें ताकि उनके सुझावों व उनकी मांगों को बजट में सम्मिलित किया जा सके।

मुख्यमंत्री आज पंचकूला में हरियाणा विधानसभा द्वारा अयोजित राज्य वित्त प्रबंधन एवं बजट पर विमर्श कार्यक्रम के दौरान विधायकों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता, उपाध्यक्ष श्री रणबीर गंगवा, संसदीय कार्य मंत्री श्री कंवर पाल सहित अन्य मंत्रीगण और विधायक मौजूद रहे।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में विधायकों को बजट से संबंधित बारीकियों को समझने का बेहतरीन अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि गत 8 वर्षों से उन्हें बजट से संबंधित सभी प्रकार की गतिविधियों को समझने का मौका मिला। हालांकि, पिछले 3 वर्षों से वित्त मंत्री के तौर पर बजट पेश करने से लेकर कई प्रकार के अनछुए पहलूओं को जानने का मौका मिला। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से विधायकों को भी बजट की विस्तृत जानकारी समझने का अवसर मिलेगा। इससे राज्य का बजट अच्छी तरह से तैयार करने में मदद मिलेगी और अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बजट बनेगा।

बजट तैयार करने से पहले सदस्यों द्वारा मांग आए तो उन्हें बजट में समाहित करने की करेंगे कोशिश

मुख्यमंत्री ने कहा कि आय और खर्च को ध्यान में रखकर बजट बनाया जाता है। विधानसभा में बजट पेश होने के बाद उसमें बदलाव करना संभव नहीं होता है। प्राय: – प्राय: यह देखा जाता है कि जब बजट पेश किया जाता है, उस समय विधायक अपने -अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों की मांग रखते हैं, लेकिन उस समय उन मांगों को बजट में शामिल नहीं किया जा सकता। इस बार के बजट में अभी 3 महीने का समय है, इसलिए इन 3 माह के दौरान सभी विधायक अपने -अपने क्षेत्रों में करवाए जाने वाले विकास कार्योँ की सूची वित्त विभाग या संबंधित मंत्री या सीधे मुझे भी भेज सकते हैं, ताकि इन मांगों को समाहित करने का पूरा प्रयास करेंगे।

हितधारकों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठकें करने की पहल की गई शुरू

श्री मनोहर लाल ने कहा राज्य सरकार ने बजट को कल्याणकारी बनाने के लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से प्री – बजट परामर्श बैठकें शुरू की। वर्ष 2020-21 का पहला बजट प्रस्तुत करने से पहले किसानों, व्यापारियों, सेवा क्षेत्र के लोगों सांसदों, विधायकों आदि से बजट पूर्व चर्चा की गई थी और उनके सुझावों को बजट में शामिल करने का पूरा प्रयास किया था। इस साल के बजट से पूर्व भी हमने जन – प्रतिनिधियों आदि के साथ 8 बैठकें कर 477 हितधारकों से चर्चा की। ये बैठकें सभी विभागों के अधिकारियों, स्थानीय निकायों, पंचायती राज संस्थाओं, उद्योग व वाणिज्य, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सर्विस सेक्टर और रियल स्टेट के प्रतिनिधियों के साथ की गईं। इतना ही नहीं, इस बार हमने बजट पर विचार – विमर्श के लिए विधायकों की 8 समितियां भी बनाईं। इनमें कुल 74 विधायक शामिल किए गए। इन समितियों को विभिन्न विभाग विचार – विमर्श के लिए दिए गए। इन्होंने बजट पर सुझाव भी दिए। व्यावहारिक सुझावों पर हमने अमल किया और संतुलित बजट तैयार किया।

हरियाणा की आर्थिक स्थिति अन्य कई राज्यों से बेहतर

श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा की आर्थिक स्थिति अन्य कई राज्यों से बेहतर है। हमारा वित्त प्रबंधन अच्छा है, जिससे हम प्रदेश का बजट घाटा नियंत्रित करने के सफल हुए हैं। प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी बड़े राज्यों में हम नंबर वन हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा राज्यों की उधार सीमा निर्धारित की जाती है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित उधार सीमा जी.एस.डी.पी. का 25 प्रतिशत से अधिक राज्य उधार नहीं ले सकते। कोविड- 19 महामारी  के कारण राज्य सरकार की प्राप्तियों में कमी आई और आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा। हमने कोविड -19 महामारी के बावजूद भी इस सीमा में ही ऋण लिया है।

उन्होंने कहा कि कोविड- 19 महामारी के कारण केन्द्र सरकार ने राज्यों को जी.एस.डी.पी का 5 प्रतिशत तक ऋण लेने की सुविधा दी थी। लेकिन हरियाणा का ऋणभार जी.एस.डी.पी की 3 से 3.5 प्रतिशत सीमा के भीतर रहा है। जबकि दूसरे राज्यों ने पूरा 5 प्रतिशत ऋण लिया। सरकार का लक्ष्य इस सीमा को 3 प्रतिशत तक ही रखने का है।

ई – विधानसभा पहल के तहत पेपरलेस बजट किया गया पेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा की कार्रवाई को सुचारू ढंग से चलाने के लिए हमने कई तरह के प्रयोग किए। विधानसभा को पेपरलैस करने व विधायकों को आई.टी. ओरिएंटिड बनाने के लिए इस बार हर विधायक को बजट की प्रति एक टेबलेट में डालकर दी गई। इससे बजट के लंबे – चौड़े दस्तावेज में उन्हें कुछ सर्च करने में आसानी हो गई। साथ ही उनके समय की बचत भी हुई ।  

उन्होंने कहा कि विधायकों के सुझावों को बजट में शामिल करने की पूरी कोशिश की जाती है और यह प्रशिक्षण सत्र हम सबके लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा ।

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