मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना : डोर टू डोर सर्वे का सही डाटा करवाएं अपलोड ताकि योजनाओं का पहुंचाया जा सके लाभ : उपायुक्त
-उपायुक्त अनीश यादव ने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत प्रगति कार्यों की समीक्षा की
उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि बुजुर्गों व विधवा महिलाओं को प्रदेश सरकार की योजनाओं का प्राथमिकता के आधार पर अधिक से अधिक लाभ पहुंचाएं। इसके अलावा प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे आमजन में जागरूकता लाएं। इसके लिए ग्राम स्तर पर कैंपों का आयोजन किया जाए। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के प्रथम चरण में जिले के अति गरीब 1933 परिवारों को सरकार की मुख्य योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा। फिलहाल जिन परिवारों की आय बहुत कम है, उनकी पहचान कर संबंधित विभागों के साथ सांझा किया जाएगा। इन परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। सर्वे कार्य में लगे अधिकारी पूरी गंभीरता के साथ इस कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूरा करें।
उपायुक्त सोमवार को अपने लघु सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना को लेकर आयोजित अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में एडीसी सुशील कुमार, सीएमजीजीए कुनाल चौहान, डीआईओ रमेश शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेश बत्रा, डीडीपीओ रवि कुमार, कार्यकारी अभियंता नगर परिषद अजय पंघाल सहित सभी बीडीपीओ व नगर परिषद/पालिका के अधिकारी मौजूद थे।
उपायुक्त ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत गरीब व जरूरतमंद लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है। यह योजना हरियाणा सरकार की एक पहल है जिसके तहत गरीब परिवारों की पहचान की गई है ताकि कौशल विकास, स्वरोजगार और रोजगार सृजन के माध्यम से इन परिवारों की न्यूनतम वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये प्रति वर्ष तक बढ़ाया जा सके। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किस परिवार को किस विभाग की कौन सी योजना का लाभ दिया जाना है।
उन्होंने कहा कि जोनल इंचार्ज के द्वारा सभी परिवारों से संपर्क करते हुए डोर टू डोर माध्यम से वैरीफिकेशन की जाए ताकि उन परिवारों का सही डाटा एप में अपलोड किया जा सके। इसके पश्चात एप के माध्यम से ही संबंधित परिवारों को विभिन्न विभागों की योजनाएं उपलब्ध करवाते हुए लाभ दिया जाएगा। इस योजना से गरीब परिवारों का आर्थिक उत्थान होगा तथा उस परिवार की एक न्यूनतम आय निश्चित होगी। राज्य सरकार की इस अति महत्वपूर्ण योजना को अधिकारी व्यक्तिगत रूचि लेकर सिरे चढ़ाएं। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए जो ऐप जारी किया गया है, अगर इस संबंध में किसी प्रकार की परेशानी तो उन्हें व डीआईओ एनआईसी को अवगत करवाएं। उन्होंने कहा कि सही डाटा एकत्रित होने के उपरांत ऐसे परिवारों को उनकी रूचि के हिसाब से काम दिलवाने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा इन परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनका खुद का कार्य शुरू करवाने के प्रयास किए जाएंगे और भिन्न-भिन्न विभागों की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा ताकि वे स्वावलंबी बन सके।