मनरेगा से मिला 38 हजार से अधिक परिवारों को रोजगार : उपायुक्त प्रदीप कुमार
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जिला के 38 हजार से अधिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक 702472 कार्य दिवस सृजित हुए हैं तथा 24 करोड़ 13 हजार रुपये की राशि खर्च हुई है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित मनरेगा योजना से ग्रामीण क्षेत्र में जहां विभिन्न विकास कार्य हुए हैं, वहीं ग्रामीणों को अपने ही गांव में रोजगार उपलब्ध हुआ है। जिला में मनरेगा के तहत वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक 24 करोड़ 13 हजार रुपये की राशि खर्च हुई है। इस राशि से ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न कच्च व पक्के विकास कार्य हुए हैं। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष के दौरान अब तक 702472 कार्य दिवस सृजित करके 38 हजार 121 परिवारों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि मनरेगा योजना का उद्ेश्य ग्रामीण क्षेत्र में विकास व रोजगार उपलब्ध करवाना है। केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना में प्राथमिक रूप से बजट का प्रावधान किया है, ताकि ग्रामीण आंचल के अधिक से अधिक जरूरमंद लोगों को कार्य उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि जिला में मनरेगा योजना काफी कारगर सिद्ध हुई है, जिससे लोगों को इसका सीधा लाभ पहुंचा है।
मनरेगा के तहत मिलती है 100 दिन के कार्य की गारंटी :
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को 100 दिन का कार्य उपलब्ध करवाया जाता है। एक दिन कार्य के बदले में 309 रुपये दिए जाते हैं। पात्र परिवार के जॉब कार्ड बनाए जाते हैं। हर पात्र परिवार को एक वर्ष में 100 दिन का कार्य दिया जाता है।
मनरेगा के अंतर्गत करवाए जाने वाले कार्य :
मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं के तहत होने वाले कार्यों के अलावा गांव में अन्य विकास कार्य करवाए जाते हैं। इन कार्यों में जोहड़ खुदाई, नई सड़कों पर मिट्टी डालना, पौधारोपण के लिए गडढे खोदना आदि शामिल हैं।