भारत सरकार और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा समय समय पर जारी किए गए मानक संचालन प्रक्रिया ’एसओपी’ और दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।
पंचकुला 5 मार्च- जिले में कॉविड-19 मामलों की संख्या में बढोतरी को देखते हुए पंचकूला के उपायुक्त श्री मुकेश कुमार आहूजा ने गृह मंत्रालय, भारत सरकार और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा समय समय पर जारी किए गए मानक संचालन प्रक्रिया ’एसओपी’ और दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।
आज यहां जारी किए गए आदेश में उपायुक्त ने सभी इंसिडेंट कमांडरों को अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में कोविड-19 के दिशानिर्देशों को क्रियान्वित करने हेतु जांच करने के निर्देश दिए है।
उन्होंने सभी सार्वजनिक स्थानों, कार्य स्थलों, धार्मिक स्थानों, योग संस्थानों जिम, मनोरंजक पार्क, सार्वजनिक पार्क, उद्योग और संस्थान इत्यादि और घनी आबादी वाले क्षेत्रों और यहां तक की बाजार के क्षेत्रों में नमूनाकरण के कार्य मे तेजी लाने के भी निर्देश भी दिए है। सिविल सर्जन पंचकुला को नमूनाकरण, ट्रेसिंग और सख्त रोकथाम उपायों के उद्देश्य के लिए चिकित्सा टीमों को नियुक्त करने के निर्देश दिए गए है। इसके अलावा, एसडीएम पंचकुला और एसडीएम कालका इंसिडेंट कमांडरों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे। वहीं, पुलिस उपायुक्त को कॉविड-19 दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए पर्याप्त पुलिस कर्मियों को नियुक्त करने हेतु कहा गया है।
उपायुक्त ने कहा कि न केवल मामलों की संख्या पर बल्कि परिस्थितियों में स्थानीय विचलन और बढ़ोतरी की पहचान करने के लिए जिले में सकारात्मक रूप से नजर रखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसलिए जिले की कुछ गतिविधियों की लगातार समीक्षा की जानी चाहिए।
इनमें प्रभावी और उच्च स्तरीय टेस्टिंग शामिल है जबकि 70 प्रतिशत आरटीपीसीआर और 30 आरएटी स्पलिट को बनाए रखना, लगातार कांटेक्ट टेसिंग को बनाए रखने के लिए 30 संक्रमित लोगों से संपर्क साधना, पोजिटिव लोगों के लिए प्रभावी क्वारंिटंन उपाय, मामलों के कलस्टर को चिन्हित करना और सख्त कंटेनमेंट उपायों की टेक्रिंग, तेजी से फैलने वाले मामलों व स्थानों पर नजर रखना और तुरंत कार्यवाही करना, अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के प्रोटोकोल को सुनिश्ति करना, मास्क पहनने के साथ-साथ कोविड-19 के निर्देशों की अनुपालना करवाना और अस्पतालों में क्लीनिकल उपचार के अनुपालन को सुनिश्चित करना शामिल है।