जब महिलाएं बिना दबाव के निर्णय लेने में सक्षम होगी तभी वास्तव में सशक्त होंगी-राकेश कुमार आर्या

बीमार नवजात शिशु की पहचान एवं रेफरल सेवा मॉड्यूल पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण

सिरसा, 6 फरवरी।

बीमार नवजात शिशु की पहचान एवं रेफरल सेवा मॉड्यूल पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण


                   महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गुरुवार को परियोजना अधिकारी कार्यालय में पोषण अभियान के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बीमार नवजात शिशु की पहचान एवं रैफरल सेवा विषय बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। कार्यशाला की अध्यक्षता सीडीपीओ शुचि बजाज ने की।


                    सीडीपीओ शुचि बजाज ने बताया कि अगर बच्चे का वजन कम है तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। इसके अलावा कमजोर बच्चे को संक्रमण की भी संभावना ज्यादा होती है। उन्होंने बताया की नवजात बच्चे में संक्रमण होने की संभावना अधिक रहती है। ऐसी दशा में नवजात शिशु को स्तनपान, गर्माहट और नियमित देखभाल जरूरी है, जो जीवाणु रहित व स्वच्छ वातावरण में किया जाए। उन्होंने बताया कि स्तनपान और गर्माहट नवजात शिशुओं की संक्रमण से सुरक्षा करेंगे। वही शिशु की नियमित देखभाल और जीवाणु रहित व स्वच्छ वातावरण संक्रमण से शिशु का बचाव करने में मददगार साबित होंगे। साथ है कमजोर बच्चों के लिए कंगारू मदर केयर की मदद से स्तनपान कराना चाहिए, जिससे कि बच्चा स्वस्थ रहें।


                    ब्लॉक कॉर्डिनेटर चीना गोयल ने नवजात शिशुओं को संक्रमण से बचाने के लिए क्या करें व संक्रमण से सुरक्षा के लिए स्तनपान व गर्माहट आदि के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने आंगनवाड़ी वर्करों से कहा कि शिशु के जन्म के बाद पहले दिन ही ग्रह भ्रमण कर माता और देखभाल करने वाले घर के सभी सदस्यों को भी जागरूक करें। इस मौके पर सुपरवाइजर शकुंतला, बलविंद्र, रचना व आंगनवाड़ी वर्कर मौजूद थी।

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