अब तक मंडियों में 99356 मीट्रिक टन धान में से 94815 मीट्रिक टन धान का हुआ उठान

बजट 2021 के 6 स्तम्भ आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव हैं- रतन लाल कटारिया

– बजट में सामाजिक और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में खर्च के बीच सही संतुलन रखा गया है
– 2.87 लाख करोड़ के बजट के साथ जल जीवन मिशन (शहरी) की घोषणा
– 2.33 लाख करोड़ के आवंटन के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र के आवंटन में 130ः तक वृद्धि
– उज्जवला योजना का विस्तार 1 करोड़ अतिरिक्त लाभार्थियों तक किया जाएगा
– पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के लिए राज्यों और स्वायत्त निकायों को प्रोत्साहन
–  केन्द्र सरकार हमेशा से किसान समर्थक है और भविष्य में भी रहेगी
– बजट में राष्ट्र की नब्ज को समझा गया है

पंचकूला  1 फरवरी- केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश बजट की सराहना की। उन्होंने बजट को आशावादी और भारत की 130 करोड़ जनता की आकांक्षाओं का प्रतीक बताया, जिसके द्वारा पूरे राष्ट्र की नब्ज को पहचाना गया है। उन्होंने कहा कि बजट में सामाजिक क्षेत्र के साथ-साथ पूंजीगत व्यय के बीच एक अच्छा संतुलन रखा गया है और यह बजट कोविड काल के पश्चात् विश्व व्यवस्था में भारत को आर्थिक मंच पर एक वैश्विक नेता के रूप में बढ़ाने में मददगार होगा।

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जलशक्ति एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता राज्यमंत्री ने कहा कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में स्वास्थ्य, बुनियादी ढ़ाँचा, समावेशी विकास, मानवीय संपदा, अनुसंधान और विकास और इनोवेशन के 6 स्तम्भ मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की नींव साबित होंगे।

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श्री कटारिया ने जल जीवन मिशन (शहरी) की घोषणा का स्वागत किया जिससे 2.87 लाख करोड़ रूपये के आवंटन के साथ पूरे देश में 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में 2.86 करोड़ परिवारों को कवर करने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से साल 2019 तक ग्रामीण परिवारों को प्रदान किए गए कुल 3.43 करोड़ घरेलू नल  कनेक्शनों के मुकाबले अपनी शुरुआत के पहले ही वर्ष में तीन करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में पाइप द्वारा जल कनेक्शन प्रदान करके, जल जीवन मिशन ने एक अभूतपूर्व प्रगति की है। यह मिशन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की बस्तियों को प्राथमिकता प्रदान करता है और इनमें श्जीवन की सहजता  और जीवन की गरिमाश् सुनिश्चित करता है।
श्री कटारिया ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए पिछले वर्ष की तुलना में बजटीय आवंटन में 130ः से अधिक की वृद्धि का स्वागत किया। बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए वर्ष 2020-21 में आवंटित 94 हजार करोड़ के मुकाबले वर्ष 2021-22 में 2.23 लाख करोड़ के आवंटन का प्रस्ताव है। जिसमें ब्व्टप्क् वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रूपये का आवंटन शामिल है। प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर मौजूदा स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत करने और नए संस्थान स्थापित करने पर भी बजट में जोर दिया गया है। इस उद्देश्य के लिए, सरकार ने 64,180 करोड़ रूपये के आवंटन के साथ एक नई “पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना” शुरू करने की घोषणा की है। सरकार समुद्र में और प्रमुख प्रवेश बंदरगाहों पर भी स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करना चाहती है। बजट में भविष्य में ऐसी किसी भी महामारी से निपटने के लिए देश को तैयार करने के लिए सभी जिलों में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की स्थापना के साथ-साथ देश में 4 राष्ट्रीय स्तर के नए वायरोलॉजी केंद्रों की स्थापना के लिए प्रावधान की प्रशंसा करते हुए श्री कटारिया ने इन उपायों को दूरदर्शी कहा है जो निकट भविष्य में देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को बदल देंगे।


श्री कटारिया ने राज्यों और स्वायत्त निकायों को पूंजी व्यय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रावधानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए 1.18 लाख करोड़ रूपये के आवंटन,  रेलवे के लिए 1.07 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए 15,700 करोड़ रूपये के आवंटन के अलावा पावर क्षेत्र में  डिस्कॉम की दक्षता के लिए 3,05,089 करोड़ रूपये की नई योजना तथा बस परिवहन सेवाओं के विस्तार के लिए 18,000 करोड़ रुपये की नई योजना बुनियादी ढ़ांचे के विस्तार के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और इससे घरेलू मांग के साथ-साथ रोजगार सृजन के लिए नया रास्ता तैयार होगा।


कृषि क्षेत्र के विषय में राज्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार हमेशा से किसान समर्थक है और भविष्य में भी रहेगी। सरकार ने सभी कृषि उत्पादों पर लागत मूल्य के लगभग 1.5 गुना पर न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। सरकार द्वारा की गई फसल खरीद के विषय पर उन्होंने कहा कि 2013-14 में गेहूँ खरीद के लिए 33,874 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया था जो 2019-20 में बढ़कर 62,802 करोड़ रूपये तथा 2020-21 में 75,060 करोड़ रूपये हो गया था। इसी प्रकार चावल की खरीद के लिए भी 2013-14 के 63,928 करोड़ से बढ़कर 2019-20 में 1,41,930 करोड़ रूपये तथा 2020-21 में 1,72,750 करोड़ रूपये का भुगतान किया है।