प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करें किसान, अनुदान पर ढैंचा लगाएं
कृषि विभाग किसानों को प्राकृतिक खाद ढैंचा लगाने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान पर बीज मुहैया करवाएगा। इसके लिए किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 25 मार्च तक अपना ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं।
उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल ने बताया कि जमीन में लगातार फसलें लेने से कार्बनिक पदार्थ की कमी हो जाती है। जिससे पौधों की जड़ों में वायु का संचार कम होने लगता है या रुक ही जाता है। इससे भूमि की उत्पादन क्षमता क्षीण हो जाती है। उन्होंने बताया कि रबी की लावणी होने के बाद खेत को खाली रखने की बजाय किसान उसमें ढैंचा या जंतर लगा दें। करीब पचास दिन बाद जब ढैंचा की पौध बढ़ जाए तो उस फसल को हरी खाद के रूप में खेत की मिट्टी में ही मिला दें। यह खाद जमीन के लिए सर्वोत्तम है और इससे नाइट्रोजन, फास्फोरस, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व मिलते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ 10 से 12 किलो ढैंचा के बीज की आवश्यकता होती है। बाजार में जंतर बीज का बैग 1500 से 1700 रूपए तक का आता है। यही बैग सब्सिडी पर एक सौ पचास से दो सौ रूपए तक का लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दादरी और बाढड़ा में हरियाणा बीज विकास निगम की दुकानों पर यह बीज उपलब्ध है। रबी और खरीफ फसल के बीच के समय में इस ढैंचा को लगाकर किसान खाद की पूर्ति कर सकते हैं। उन्होंने किसानों से ढैंचा या हरी खाद का इस्तेमाल करने का आह्वïान किया है।