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प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए निरंतर और बेहतर प्रयास कर रही है राज्य सरकार – मुख्यमंत्री

छात्रों और शिक्षकों के अनुपात में कुछ स्कूलों को विलय किया गया है, किसी भी स्कूल में शिक्षकों की कमी नहीं आई है – मनोहर लाल

ऑनलाइन शिक्षक स्थानांतरण नीति से शिक्षकों को मिल रहे उनके चुने हुए टॉप-3 विकल्प, 90 प्रतिशत शिक्षक संतुष्ट – मुख्यमंत्री

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पंचकूला , 9 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए निरंतर और बेहतर प्रयास कर रही है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए हरियाणा ने नई शिक्षा नीति – 2020 को वर्ष 2025 तक पूर्ण रुप से लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में शिक्षा के स्तर में आमूलचूल सुधार हुआ है।

मुख्यमंत्री आज पंचकूला में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, हरियाणा (उच्च शिक्षा संवर्ग) के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा छात्रों और शिक्षकों के अनुपात में कुछ स्कूलों को विलय किया गया है। ऐसा नहीं है कि किसी भी स्कूल में शिक्षकों की कमी आई है। केवल विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की तैनाती संस्थागत रूप से सुनिश्चित की गई है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की ऑनलाइन शिक्षक स्थानांतरण नीति अन्य राज्यों द्वारा भी सराही जा रही है और वे इसका अनुसरण कर रहे हैं। इस नीति के तहत स्थानांतरित हुए अध्यापकों में से 90 प्रतिशत शिक्षकों को उनके द्वारा चुने हुए टॉप-3 विकल्प मिल रहे हैं और इससे शिक्षक संतुष्ट हैं। फिर भी यदि कहीं से शिक्षकों की कमी से संबंधित कोई मामले सरकार के समक्ष आ रहे हैं तो उन पर तुरंत संज्ञान लिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जल्द ही शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। नियमित भर्ती होने तक हरियाणा कौशल विकास निगम के माध्यम से भी शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाएगा।

पत्रकारों द्वारा 102 वर्षीय बुजुर्ग की पेंशन के मामले से संबंधित पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले के समाधान के लिए अतिरिक्त जिला उपायुक्त को आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पेंशन से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए अतिरिक्त जिला उपायुक्त स्तर पर शिकायत निवारण मंच बना हुआ है, जिसके माध्यम से सभी शिकायतों का निपटान किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि कोई गलत तरीके से पेंशन प्राप्त करेगा तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि कांग्रेस सरकार की तरह उन लोगों को नोटिस जारी कर उनसे रिकवरी नहीं की जाएगी। वर्तमान राज्य सरकार का ध्येय केवल पारदर्शी तरीके से सरकारी सुविधाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुंचाना है

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