पोषण अभियान महिलाओं, किशोरियों व बच्चों में कुपोषण को समाप्त करने के लिए बड़ा कदम : उपायुक्त अनीश यादव
उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि बच्चों, किशोरियों व महिलाओं में कुपोषण से बचाने व जागरूक करने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर महिलाओं व किशोरियों को अच्छे खानपान व विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
उपायुक्त ने बताया कि पोषण अभियान का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं, माताओं व बच्चों के पोषण की आवश्यकताओं को पूरा करना है। अभियान का लक्ष्य मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में कमी लाना भी है। उन्होंने बताया कि इस अभियान से कुपोषण की शिकार तथा एनीमिया से पीड़ित महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। यह अभियान कुपोषण को समाप्त करने के लिए एक बड़ा कदम है। अभियान के तहत किशोरियों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं पर भी फोकस किया जा रहा है ताकि कुपोषण की समस्या का समग्र रूप से समाधान किया जा सके। उन्होंने बताया कि पोषण अभियान के मुख्य लक्ष्य में जीरो से 6 वर्ष आयु समूह के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं में कुपोषण स्तर में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यक्रम अधिकारी डा. दर्शना ने बताया कि तीसरे सप्ताह में आईईसी सामग्री के साथ आंगनवाड़ी लाभार्थियों को पोषण किट वितरित की जाएगी। इसी प्रकार चौथा सप्ताह में एसएएम की पहचान और उनके लिए पौष्टिक भोजन के वितरण के लिए अभियान चलाया जाएगा। चौथे सप्ताह के दौरान एसएम बच्चों की पहचान करने से पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम द्वारा बच्चों (5 वर्ष तक की आयु तक) के लिए लंबाई / ऊंचाई और वजन मापन अभियान के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ शरीर के लिए बेहतर खान-पान का होना बहुत ही जरूरी है। सभी को खान-पान के प्रति सजग व जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेषकर लड़कियों व महिलाओं को अपने आहार के प्रति जागरूक होना चाहिए। बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास में पौष्टिक आहार की अहम भूमिका होती है। इसलिए महिलाएं अपने खानपान का ध्यान रखें और अपने बच्चों का पालन पोषण बेहतर ढंग से करें। उन्होंने कहा कि पोषण अभियान सरकार की महत्वपूर्ण गतिविधि है, जिसके माध्यम से किशोरियों, महिलाओं व बच्चों के लिए सही पोषण व खानपान के बारे में जागरूक किया जाता है। अभियान में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भोजन के सही तरीके से पकाने व खाने के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कुपोषण के खिलाफ अभियान में सभी की भागीदारी जरूरी है, ताकि सुपोषित भारत का निर्माण हो सके।