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पिंजौर गौशाला में लगा दो दिवसीय गौ उत्पाद प्रशिक्षण शिविर

गो उत्पादों को महिलाएं बना सकती है आमदनी का साधन-श्रवण कुमार गर्ग

दीपावली पर पंचकूला के 41 गांव जगमगाएंगे गाय के गोबर से बने दीपकों से

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पंचकूला अक्टूबर 21:  हरियाणा में महिलाएं गौ उत्पाद बनाना सीख कर उन्हें अपनी आमदनी का जरिया बना सकती है। यह हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने दो दिवसीय गौ उत्पाद  प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में प्रतिभागियों को संबिधित करते हुए कहा। जिला के पिंजौर स्थित हरियाणा गौ सेवा आयोग के तकनीकी मार्गदर्शन में श्री कामधेनु गौशाला सेवा सदन में स्थापित गौ अनुसन्धान केंद्र में महिलाओं के लिए आयोजित दो दिवसीय गौ उत्पाद प्रशिक्षण शिविर लगाया गया था। जिसमें 37 महिलाओं ने  विभिन्न प्रकार के गो उत्पाद गाय के गोबर से बने दीपक, गमले, धूप, चटाई, हवन समिधा व कंडे, बर्तन साफ करने का पाउडर, गोमूत्र अर्क, हैंड वॉश, शैंपू, गौ फिनायल, नहाने का साबुन आदि अनेकों प्रकार के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लिया।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्रवण कुमार गर्ग ने प्रतिभागियों को कहा कि इस तरह के उत्पाद बनाने से जहां परिवार में आमदमनी बढ़ाने का काम होगा वहीं दूसरी और गाय की सेवा भी होगी। इससे गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने में मदद होगी। उन्होंने शिविर में शामिल सभी 37 महिला प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र बांटते हुए कहा कि इस दीपावली पर विदेशी लड़ियों और  विदेशी दीपकों को अलविदा कहकर हम गाय के गोबर से बने दीपको से सब अपनी दीपावली रोशन करें।


इस प्रशिक्षण शिविर में मुख्य प्रशिक्षक के तौर पर प्रसिद्ध गौ विज्ञानिक एवं पारंपरिक चिकित्सक वैद्य राजेश कपूर ने दोनों दिन अपनी टीम के साथ प्रशिक्षण दिया। इस मौके पर हरियाणा गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष विद्यासागर बाघला, शिविर समन्वयक डॉ अश्वनी कुमार, गौ अनुसंधान केंद्र के ट्रस्टी नवराज धीर, जितेंद्र डोगरा समेत गौशाला प्रबंधक समिति के कई सदस्य मौजूद रहे।

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हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में पिंजोर ब्लॉक की कलस्टर प्रबंधक सीमा देवी ने भी इस 2 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया। उन्होंने इस शिविर में हुए अपने अनुभव में कहा कि वह इस तरह के उत्पादों का प्रशिक्षण प्राप्त करके बेहद उत्साहित है। इस प्रकार के गौ उत्पाद बनाने के प्रशिक्षण शिविर जल्द ही दोबारा आयोजित किए जाने चाहिए। सीमा देवी ने कहा कि वह महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से इस दीपावली पर 41 पंचायतों में गाय के गोबर से बने दीपको से दीपावली मनाने का काम करेंगी। यह प्रशिक्षण लेकर वह खुद गांव में और महिलाओं को भी उत्पाद बनाने हेतु प्रेरित करेंगी ताकि महिलाएं गौ सेवा के साथ-साथ अपनी आमदनी भी बढ़ा सकें ।

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गौ उत्पाद प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षणार्थी के तौर पर आयुर्वेद चिकित्सक डॉ अनु भारद्वाज ने भी हिस्सा लिया। समापन समारोह पर अपना अनुभव बताते हुए डॉ अनु भारद्वाज ने कहा कि इस तरह के उत्पादों से ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारों को काम मिल सकता है। जिससे प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या पर लगाम लगाने का कार्य होगा। उन्होंने कहा कि वह स्वयं जम्मू और कश्मीर में 25 हजार महिलाओं से ऑर्गेनिक हल्दी की खेती करवा रही हैं। इनके साथ साथ प्रदेश के अनेकों क्षेत्रों में इस तरह के उत्पाद बनाने और उन्हें प्रयोग करने हेतु युवा बेरोजगारों को प्रोत्साहित करेंगी।