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पशुओं में टीकाकरण अभियान आरंभ

पंचकूला 22 अप्रैल- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा जिले के पशुओं में गलघोंटू तथा मुंह खुर रोग के बचाव के लिए टीकाकरण आरंभ किया जा रहा है। लगभग एक माह तक चलने वाले इस अभियान के तहत जिला के लगभग 80 हजार से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा।

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उपायुक्त ने बताया कि गलघोंटू तथा मुंह व खुर रोग पशुओं के अत्यंत संक्रामक रोग हैं जो एक पशु से दूसरे पशु में फैलते हैं। गलघोंटू रोग अत्यंत घातक रोग है तथा अधिकतर मामलों में संक्रमित पशु की मृत्यु ही हो जाती है। मुंह व खुर रोग हालांकि उतना घातक नहीं होता है लेकिन बीमार पशु की दुग्ध उत्पादन क्षमता पर इस रोग का बहुत ही विपरीत प्रभाव पड़ता है जिससे पशुपालक को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। उपायुक्त ने बताया कि पहले इन बीमारियों के बचाव हेतु दोनों बीमारियों के अलग-अलग टीके विभाग द्वारा लगवाए जाते थे लेकिन गत वर्ष से इन दोनों बीमारियों का एक संयुक्त टीका विभाग द्वारा लगाया जा रहा है। हरियाणा पूरे देश का ऐसा पहला राज्य है जिसमें इन दोनों बीमारियों से पशुओं के बचाव के लिए संयुक्त टीका लगाया जा रहा है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग की टीमों द्वारा सभी पशुपालकों के घर-घर जाकर उनके समस्त पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा।

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उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में जब विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड-19 को महामारी घोषित किया जा चुका है तथा इस रोग से बचाव और इसका फैलाव रोकने के लिए सरकार द्वारा व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। पशुपालन एवं डेयरी विभाग की टीकाकरण करने वाली टीमों को टीकाकरण अभियान के दौरान सरकार द्वारा कोविड-19 के बारे में जारी किए गए आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। टीकाकरण टीमों द्वारा आवश्यक सावधानी- फेस मास्क, सैनिटाइजर आदि का समुचित उपयोग तथा सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए टीकाकरण कार्य का संपादन किया जाएगा।     उपायुक्त ने जिले के पशुपालकों से अपील है कि वे टीकाकरण अभियान के दौरान सरकार द्वारा कोविड-19 के संबंध में जारी की गई सभी आवश्यक सावधानियां टीकाकरण टीमों द्वारा अमल में लाई जाएंगी। इसलिए सभी पशुपालक टीकाकरण अवश्य करवांए। 

उपनिदेशक पशुपालन सुखदेव राठी ने बताया कि अभियान के तहत 4 माह से ज्यादा आयु के गाय एवं भैंस वंश के अपने समस्त पशुओं को गलघोंटू तथा मुंह व खुर रोग से बचाव के लिए तथा इन घातक बीमारियों को समूल रूप से खत्म करने के लिए टीकाकरण किया जाएगा। पशुपालक टीकाकरण कार्य में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की टीमों का समुचित रूप से सहयोग करें। उन्होंने बताया कि पशुओं में इस टीके के कारण दो या तीन दिन तक हल्का बुखार, शरीर में जकड़न तथा दुधारू पशुओं में दूध में मामूली कमी हो सकती है जिससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। पशु 2 या 3 दिन के अंदर स्वतः ही ठीक हो जाता है तथा पशु की रोग निरोधक क्षमता में काफी वृद्धि हो जाती है। इसके साथ ही साथ पशु की दुग्ध उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होती है। 

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