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पर्यावरण चुनौतियों का सामना करने में विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम भारत !

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पंचकूला 5 जून – केंद्रीय जल शक्ति व सामाजिक न्याय अधिकारिता, मंत्री श्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि हमारे भारत में पेड़-पौधे पीपल, तुलसी, पृथ्वी,सूर्य, वायु सबको देवता मानकर उनकी पूजा करने का रीति-रिवाज बरसों से चलता आ रहा है। तीन क्षेत्र जहां भारत ने पर्यावरण को बचाने में अपनी प्रतिभा दिखाई है जल संरक्षण, सौर ऊर्जा,बायोफ्यूल,। आज बायोफ्यूल के क्षेत्र में 2014 से पहले एक से डेढ़ प्रतिशत इथनोल की खपत जहां 2013-14 में 38 करोड़ लीटर से आज 320 करोड़ लीटर इथनोल खरीदी गई है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 21 हजार करोड़ रुपए का बायोफाइल खरीदा जिससे इथनोल बनाने वाली गन्ना मिलों की आर्थिक हालात में काफी सुधार आया जिससे देश के किसानों को गन्ने का मूल्य कम समय में मिलने लगा और जैविक फ्यूल के प्रयोग से प्रदूषण में कमी आई |
रतनलाल कटारिया ने बताया कि 2014 में देश के सात एयरपोर्ट सौर ऊर्जा का प्रयोग करते थे परंतु आज यह संख्या बढ़कर 50 से अधिक हो गई है। इंटरनेशनल सोलर एलाइंस (ISA) जिसका मुख्यालय गुड़गांव में है | प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर 121 देश (ISA) के सदस्य बने है इसी तरह अन्य बड़े देशो को पर्यावरण को बचाने के लिए पहल करनी चाहिए |


आज भारत सौर ऊर्जा के निर्माण में भारत चौथे स्थान पर है, वही नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन का 100 मेगावॉट से सौर ऊर्जा 60 मेगावॉट, वायु ऊर्जा 10 मेगावॉट पावर के लक्ष्य के बहुत करीब पहुंच चुका है । माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2030 तक 450 मेगावॉट का लक्ष्य दिया है |


रतनलाल कटारिया ने कहा कि आज हवा के साथ-साथ स्वच्छ जल प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह दोनों चीजें लोगों को मिल पा रही हैं , जवाब है नहीं l दरअसल, इंसानों और मवेशियों की बढ़ती आबादी के चलते पृथ्वी पर पानी की मौजूदगी घटी है I वर्षा जल संसाधन का केवल 4 फ़ीसदी हिस्सा भारत के पास है ! ऐसे में अगर हमने पानी बचाने उसका दोबारा उपयोग करने और बर्बादी रोकने के लिए नई तकनीकों का उपयोग नहीं किया तो आने वाली पीढ़ी बूंद-बूंद के लिए परेशान होगी |

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रतनलाल कटारिया ने कहा कि जनवरी 2021 में अमेरिका के राष्ट्रपति जोई बिडेन ने प्रशासन पर्यावरण नीति में पदभार ग्रहण करने के बाद कुछ नियमों तथा कार्यक्रमों को शामिल किया, बिडेन प्रशासन का मुख्य लक्ष्य 2050 तक जलवायु को शुद्ध करने के लिए शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन प्राप्त करना है इस पहल का स्वागत है ।

रतनलाल कटारिया ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय की ओर से शुरू किए जाने वाले अभियान ‘कैच द रेन’ को सफल बनाना होगा | इस अभियान का मूलमंत्र है : “पानी जब भी जहां भी गिरे, उसे बचाना है” जल स्त्रोतों की सफाई, वर्षा जल का संचयन करना हैं तथा प्रदूषण से बचाना है |


इन सभी कार्यों को करते हुए जीवन शैली के बड़े बदलाव, जिन्हें अपनाकर हम पर्यावरण को बचा सकते हैं जैसे:
1.सिंगल यूज प्लास्टिक

  1. बढ़ती हुई जनसंख्या दबाव
  2. एक पेड़ लगाकर हम एक टन CO2 कम कर सकते हैं
  3. घर में वाटर रिचार्जिंग हो तो प्राकृतिक आपदाएं भी रुकेगी तथा 2 लाख लीटर बारिश का पानी हर साल 200 वर्ग मीटर का एक घर वाटर रिचार्ज कर जमीन में पहुंचा सकता है !