पराली प्रबंधन करके किसान उठाएं प्रोत्साहन राशि योजना का लाभ: डा. बाबूलाल
– पराली जलाने वाले व्यक्तियों पर लगाया जा रहा है जुर्माना
उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल ने बताया कि विभाग द्वारा फसल अवशेष जलाने वाले व्यक्तियों पर कड़ा एक्शन लिया जा रहा है। गांव मलड़ी में दो व गांव दादू व कालांवाली में एक- एक एचएआरएसएसी द्वारा एएफएल लोकेशन प्राप्त हुई थी जिस पर कार्यवाही करते हुए कुल 10 हजार रुपये जुर्माना किया गया है।
उन्होंने बताया कि किसान धान की पराली को आग न लगाकर पराली का उचित प्रबंधन करें ताकि पराली जलाने से वातावरण में प्रदूषण से बचा जा सके। पराली को जलाने से भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होती है व जमीन के सूक्ष्म जीव भी खत्म हो जाते है। पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार द्वारा पंजीकृत गौशालाओं को किसान के खेत से पराली उठाने के लिए परिवहन प्रोत्साहन राशि 500 रुपये प्रति एकड़ तथा अधिकतम 15 हजार रुपये प्रति गौशाला दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को खेत में धान की पराली को मिट्टी में मिलाने व गांठे बनाने के लिए भी एक हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जिसके लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा।
पराली जलाने पर रोक के लिए जिला में धारा 144 लागू
गौरतलब है कि जिलाधीश पार्थ गुप्ता ने दण्ड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत धान कटाई के बचे हुए अवशेष जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। फसलों के अवशेष जलाना भारतीय दंड संहिता की धारा 188 आईपीसी एंव संगठित वायु एंव प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 का उल्लंघन है व पराली में आग लगाने वाले किसानों पर सख्त कानूनी कार्यवाही, चालान / एफआईआर अमल में लाई जाएगी।