पंचकूला के स्ट्रीट सिचुएशन में रहने वाले 54 बच्चों को किया गया है चिन्हित- उपायुक्त महावीर कौशिक
लाईट प्वाइंट्स, बस स्टैंड व अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर ऐसे बच्चों की पहचान के दिये गए हैं निर्देश
पंचकूला, 10 मई- अतिरिक्त मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग, हरियाणा श्रीमती जी. अनुपमा की अध्यक्षता में आज वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा के सभी जिला उपायुक्तों, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्यों एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्ट्रीट सिचुएशन में रहने वाले बच्चों की स्थिति पर चर्चा की गई।
बैठक में स्ट्रीट सिचुएशन में रहने वाले बच्चों को भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा व अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए गहनता से विचार-विमर्श किया गया ताकि ऐसे बच्चों का पूर्ण विकास हो सके और उन्हें गलत संगत व गलत कार्य जैसे- बाल श्रम, भीख मांगना इत्यादि कुरीतियों से बचाया जा सके।
पंचकूला के लघु सचिवालय के सभागार में बैठक से जुड़े उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने बताया कि जिला में ऐसे 54 बच्चों को चिन्हित किया गया है और उनका आयु और योग्यता के आधार पर स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों में दाखिला करवाया जा रहा है। उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि ऐसे सभी बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य, रहन-सहन इत्यादि के लिए सभी उचित प्रबंध किए जाएंगे ताकि इन बच्चों के उज्जवल भविष्य का निर्माण किया जा सके तथा उन्हें मौलिक, शारीरिक व मानसिक तौर पर सक्षम बना कर समाज की मुख्य धारा में शामिल किया जा सके।
श्री कौशिक ने कहा कि उन्होंने निर्देश दिये हैं कि लाईट प्वाइंट्स, बस स्टैंड व अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर ऐसे बच्चों की पहचान की जाए और उनके परिजनों से बात करके उन्हें बाल देख-रेख संस्थानों में भेजा जाए ताकि उन्हें वहां उचित भोजन व रहने की सुविधा उपलब्ध हो सके। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि निराश्रित व बेघर बच्चों के कल्याण व पुनर्वास के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाया है। सीआईएसएस के माध्यम से क्रियांवित कार्यक्रम को लेकर जिला में गंभीरता से कार्य किया जाना चाहिए। इस कार्यक्रम के लिए जो भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसे निर्धारित समयावधि के भीतर पूरा किया जाए। सडकों पर घूमने वाले बेघर बच्चों की पहचान व उनकी रिपोर्ट शीघ्रता से तैयार की जाए।
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सविता नेहरा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी आरू वशिष्ट व अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।