पंचकूला के उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा बाल श्रम पर रोक लगाने के लिए गठित जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए।
पंचकूला, 1 मार्च- उपायुक्त, श्री मुकेश कुमार आहूजा ने आज संबंधित अधिकारियों को “द चाइल्ड एंड एडोलसेंट लेबर (प्रोहिबिशन एंड रेगुलेशन) एक्ट”, 1986 के प्रावधानों की कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये, ताकि खतरनाक व्यवसायों में बच्चों और किशोरों को काम पर रखने पर प्रतिबंध लगाया जा सके।
श्री आहूजा आज यहां बाल श्रम पर रोक लगाने के लिए गठित जिला टास्क फोर्स की मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि खतरनाक व्यवसायों में बच्चों और किशोरों को काम पर रखना एक दंडनीय अपराध है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिये कि बाल श्रम के अपराधों में एफआईआर दर्ज की जाए और इस उद्देश्य के लिए जारी किए गए स्थायी संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार जांच की जाए। इसी प्रकार, उन्होंने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को भी निर्देश दिया कि वे बाल श्रम से छुड़वाए गए बच्चों को कानून के तहत आर्थिक मदद देने के अलावा उनका पुनर्वास भी सुनिश्चित करें।
बैठक में बताया गया कि जिला टास्क फोर्स ने पिछले दो महीनों के दौरान 26 बाल श्रमिकों को छुड़वाया है। इन बाल मजदूरों को पंचकूला, कालका और पिंजौर के विभिन्न स्थानों से रेस्क्यू किया गया है। बैठक में बताया गया कि जिला टास्क फोर्स ने जिले में कई स्थानों को चिन्हित किया है जहां नियमित रूप से रेड की जाती है। इन स्थानों में औद्योगिक क्षेत्र, सड़क के किनारे के ढाबे, ईंट के भट्टे, मेला स्थल, ट्रैफिक लाइट पॉइंट आदि शामिल हैं। चिन्हित स्थलों के अलावा, इस संबंध में प्राप्त शिकायतों के आधार पर भी छापे मारे जाते हैं।
बैठक में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की अध्यक्षा वंदना गुप्ता, एसीपी ममता सौदा, अतिरिक्त श्रम आयुक्त, नवीन शर्मा, उप श्रमायुक्त, आर.के. नैन, जिला बाल संरक्षण अधिकारी सरोज रानी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग आरू वशिष्ट, राज्य समन्वयक, बचपन बचाओ आंदोलन और सदस्य एसटीएफ गजेंद्र नोटियाल भी उपस्थित थे।