आदर्श आचार संहिता के दौरान कैश, शराब, हथियार और अन्य चुनाव संबंधी सामग्री पर निगरानी रखने के लिए किया गया उड़न दस्ते व स्थैतिक निगरानी टीमों (एसएसटी ) का गठन- जिला निर्वाचन अधिकारी

नशे के खिलाफ सबकी सांझी लड़ाई, एकजुटता से ही होगा जिला नशामुक्त : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 15 दिसंबर।

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उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा जिला को नशा मुक्त बनाने की दिशा में गंभीरता से कार्य किया जा रहा है और प्रशासन द्वारा सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से काफी हद तक नशे पर काबू पाया है। जिला से नशे को जड़मूल से समाप्त करने के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा और अपना हर संभव योगदान देना होगा तभी हम अपनी युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त से बचा कर सभ्य समाज का निर्माण कर पाएंगे।

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उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि नशे के खिलाफ इस मुहिम को हमें एक आंदोलन का रुप देकर लोगों को जागरुक और लोगों को नशा न करने के लिए प्रेरित करना होगा, क्योंकि नशा के खिलाफ लड़ाई सबकी सांझी है और एकजुटता से ही हम इस लड़ाई को जीतकर जिला को नशामुक्त बनाने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी अंजाने में और लोग जागरुकता के आह्वïान में नशे की दलदल में फस जाते हैं जिस कारण युवा पथभ्रष्टï होकर दिशाहीन हो जाते हैं जिससे न केवल उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता है बल्कि परिवार की स्थिति भी आर्थिक रुप से कमजोर होती जाती है।


अधिकारियों ने लिया 120 गांव को गोद :


नशामुक्त भारत अ िायान के तहत उपायुक्त प्रदीप कुमार के दिशा-निर्देश पर गांव को नशा मुक्त बनाने के लिए अधिकारियों को गांव गोद दिए गए हैं। अधिकारी अब तक 120 गांव को गोद ले चुके हैं। संबंधित अधिकारी की जिम्मेवारी है कि योजनाबद्ध तरीके से विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों को जागरुक करें और नशा न करने के लिए प्रेरित करें। अधिकारी गांव में ग्रामीणों को समय-समय पर जाकर नशे से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हैं व नशे के चुंगल से निकलने के लिए प्रेरित करते हैं।


जागरूता के लिए महिलाओं की 300 कमेटियां गठित :


नशे से पीडि़त परिवार में सबसे ज्यादा प्रभावित महिला होती है। महिलाएं नशे के खिलाफ जागरूकता में अहम भूमिका निभा सकती है। एक जागरुक महिला ही थोड़ी सी सजगता से अपने परिवार को नशे से दूर रख सकती है। इसलिए महिलाएं समय-समय पर अपने बच्चों को नशे से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताए और उन्हें सकारात्मक संवाद के माध्यम से अपना भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए प्रेरित करें। नशामुक्त भारत अभियान के तहत महिला एवं बाल विभाग की ओर से प्रत्येक गांव में महिलाओं की कमेटी गठित की गई हैं। इस तरह की 300 कमेटियां गठित की जा चुकी है। कमेटी की सदस्य महिलाएं घर-घर जाकर लोगों को नशा न करने के लिए जागरूक कर रही हैं। कमेटी सदस्य महिलाओं का विशेष फोक्स नशे से पीडि़त परिवार है। ये कमेटियां ऐसे परिवारों को चिह्निïत कर उन्हें नशा छोडऩे के लिए प्रेरित करती हैं और प्रशासन द्वारा नागरिक अस्पताल सिरसा व कालांवाली में बने नशा मुक्ति केंद्रों में निशुल्क ईलाज व काउंसलिंग सुविधा के बारे में अवगत करवाती है।


हस्तियां सोशल मीडिया पर दे रही संदेश :


नशा व्यक्ति विशेष की समस्या नहीं है, अपितु यह एक सामाजिक बुराई है, जिसे समाज के हर वर्ग को मिलकर लडऩा होगा तभी जिला को नशा मुक्त बनाने की दिशा में मजबूती से आगे बढा जा सकेगा। इसी कड़ी में जिला की प्रमुख हस्तियां विशेषकर खेल क्षेत्र से लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो बनाकर नशा न करने का संदेश दे रहे हैं। इनमें भारतीय टीम गोलकीपर सविता पुनियां, राजकीय नेशनल कॉलेज प्रवक्ता रविंद्र पुरी, सिविल अस्पताल से डॉ. पंकज शर्मा आदि शामिल हैं।