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नगर पार्षदों से अपील की जाती है कि वे अपने गांव व क्षेत्रों से इस दिन आयोजित होने वाले बाल विवाह समारोह के दौरान लड़का व लड़की की आयु की जांच करें और उनके बालिक होने की जांच करें।

पंचकूला, 11 मई- 14 मई को अक्षय तृतीय (अक्खा तीज) के अवसर पर बाल विवाह को रोकने के लिये मंदिर के पुजारी, गांव के मौजूद व्यक्ति, आंगनवाॅडी वर्कर, नंबरदार और नगर पार्षदों से अपील की जाती है कि वे अपने गांव व क्षेत्रों से इस दिन आयोजित होने वाले बाल विवाह समारोह के दौरान लड़का व लड़की की आयु की जांच करें और उनके बालिक होने की जांच करें।


जिला महिला एवं संरक्षण एवं बाल निषेध अधिकारी श्रीमती सोनिया सबरवाल ने बताया कि बाल विवाह हमारे समाज में फैली एक कुप्रथा है। बाल विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत अगर लड़के की आयु 21 वर्ष और लड़की की आयु 18 वर्ष से कम पाई जाती है तो यह एक गैर जमानती अपराध है। बाल विवाह में शामिल होने वाले और बाल विवाह करने वालों के खिलाफ 2 साल की जेल तथा कानून द्वारा एक लाख रुपये की सजा का प्रावधान है।