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तीन महीने में डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबरों के दशकों पुराने मुद्दे का समाधान करेगा चुनाव आयोग- जिला निर्वाचन अधिकारी

एक मतदाता जिस विशेष मतदान केंद्र की मतदाता सूची से जुड़ा हुआ है, वह केवल उसी मतदान केंद्र पर अपना वोट डाल सकता है, कहीं और नहीं – मोनिका गुप्ता

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पंचकूला, 11 मार्च – जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि चुनाव आयोग ने डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबरों के मामले का संज्ञान ले लिया है। ईपीआईसी नंबर चाहे जो भी हो, एक मतदाता जो किसी विशेष मतदान केंद्र की मतदाता सूची से जुड़ा हुआ है, वह केवल उसी मतदान केंद्र पर अपना वोट डाल सकता है, कहीं और नहीं।

उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने तकनीकी टीमों और संबंधित मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद अगले तीन महीनों में इस लंबे समय से लंबित मुद्दे को हल करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबर वाले मौजूदा मतदाताओं और भावी मतदाताओं के लिए भी एक अद्वितीय राष्ट्रीय ईपीआईसी नंबर सुनिश्चित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग मतदाता सूचियों के अपडेट के लिए हर साल वार्षिक विशेष सारांश संशोधन अभ्यास भी करता है, जो हर साल अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के दौरान होता है और जनवरी के अगले महीने में अंतिम सूची प्रकाशित की जाती है। वर्ष 2025 के लिए विशेष सारांश संशोधन शेड्यूल 7 अगस्त 2024 को जारी किया गया था और अंतिम सूची 6 से 10 जनवरी, 2025 के दौरान प्रकाशित की गई थी। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग के अनुसार प्रदेश में 2,06,32,503 वोटर हैं, 20,031 बीएलओ और 90 बीएलए हैं।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक बूथ पर राज्य सरकार के अधिकारियों में से निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा एक बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) नियुक्त किया जाता है। प्रत्येक बूथ पर राजनीतिक दलों को बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने का भी अधिकार है।

उन्होंने बताया कि सभी बीएलए को संबंधित बूथ की मतदाता सूची का सत्यापन करने तथा विसंगति, यदि कोई हो, के लिए शिकायत दर्ज करने का अधिकार है। उन्होंने बताया कि घर-घर जाकर सत्यापन करने के बाद संबंधित बीएलओ संबंधित ईआरओ को सिफारिशें प्रस्तुत करता है। ईआरओ मतदाता सूचियों को अद्यतन करने के लिए प्रत्येक मतदाता के विवरण का सत्यापन करता है। उन्होंने बताया कि तैयार किए गए मतदाता सूची को वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाता है तथा राजनीतिक दलों और आम जनता को भी उपलब्ध कराया जाता है।

उन्होंने बताया कि मतदाता सूचियों के सत्यापन और एक महीने की अवधि के दौरान प्राप्त किसी भी दावे और आपत्तियों के निपटारे के बाद ही अंतिम नामावलियां प्रकाशित की जाती हैं, जिन्हें राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराया जाता है और मतदान केंद्रवार ईसीआई वेबसाइट https://voters.eci.gov.in/download-eroll पर भी उपलब्ध कराया जाता है।

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