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तीन दिवसीय दिव्य गीता सत्संग समारोह का हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष की उपस्तिथि में हुआ समापन

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पंचकूला, 27 नवंबर- स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने सेक्टर-16 अग्रवाल भवन में श्री कृष्ण परिवार पंचकूला द्वारा आयोजित 25 से 27 नवंबर तक तीन दिवसीय  दिव्य गीता सत्संग समारोह में जिलावासियों को सरलता से गीता के उपदेश पर प्रवचन दिये। दिव्य गीता सत्संग समापन अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता भी महाराज के प्रवचन सुनकर मंत्रमुग्ध हुये।

इस अवसर पर कृष्ण परिवार को हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने 5 लाख रुपए देने की घोषणा की और सांसद रतनलाल कटारिया ने भी 11 लाख रुपए श्री कृष्ण परिवार को देने की घोषणा की। इस अवसर पर बोलते हुए ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि पंचकूला में बांके बिहारी का एक भव्य मंदिर मनाया जाएगा और जिसमें मैं तन मन धन से स्वामी जी के आशीर्वाद से सहयोग करूंगा और सारे पंचकूलावासी भी इसमें योगदान कर भव्य मंदिर को बनाएंगे पंचकूला के लोगों ने हरिद्वार, वृंदावन में पंचकूला के नाम से कई भवन बनाने में बड़ा योगदान दिया है उन सभी का आभार प्रकट करता हूं और ये दानवीर आगे भी इस तरह से सहयोग देते रहेंगे कामना करता हूं।  

श्री कृष्ण परिवार के संदीप चुघ ने बताया कि जिला की जनता ने तीन दिन तक स्वामी श्री ज्ञानानंद जी के दिये गये उपदेशों में व्यक्तिगत रूप से परिवार सहित भाग लिया। कार्यक्रम में मौजूद गायको ने गणेश वंदना और राधा कृष्ण जी के भजन गाकर भक्तजनो को भाव-विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने गीता में लिखे ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन’ अर्थात कर्म योग, के बारे जिलावासियों को बड़े आसान तरीके से समझाया।

स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भगवत गीता मानसिक शांति देती है। गीता भगवान यानि उस सुप्रीम पावर से मन के तार जोड़ने का एक बेहतर माध्यम है। भगवत गीता से हमें ज्ञान मिलता है कि हम कैसे शांत और अच्छा जीवन जी पाएं।

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 सत्संग में स्वामी ज्ञानानंद महाराज श्रद्धालुगणों को भगवत गीता में दिए उपदेशों के ज्ञान से जीवन जीने की कला सिखाई। स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि युद्ध की भूमि में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से गीता का उपदेश समस्त मानव कल्याण के लिए दिया। यह पहला ग्रंथ है जिसमें युद्ध की भूमि से शांति का संदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि अर्जुन महाभारत के युद्ध में मोहग्रस्त हो गए थे तो भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कर्तव्य याद करवाया। उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्य का पालन करना ही गीता का सार है। अर्जुन ने युद्ध शुरू करने से पूर्व विपक्षी खेमे के अपने बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया। उस समय भीष्म पितामह ने अर्जुन को आशीर्वाद देते हुए कहा था कि जहां धर्म है वहां कृष्ण है और जहां कृष्ण है, वहीं विजय है। महाभारत का युद्ध भगवान श्रीकृष्ण की ही लीला थी। भगवान श्री कृष्ण ने विश्व को एक आलौकिक ज्ञान देने के लिए इस तरह की लीला की। भगवान श्री   कृष्ण की हर अदा और घटना एक लीला है और कृष्ण की हर लीला में गीता की प्रेरणा छुपी हुई है।

 राम से  माता कौशल्या ने पूछा हे राम इतने कठिन काम सुलभ कैसे हो गए, राम ने कहा यह सभी गुरुदेव की कृपा से हुआ है, काम किया और श्रेय सब में बांट दिया ऐसी भावना होनी चाहिए। स्वामी ने बताया कि पीएम से लेकर पियोन सभी कार्यकर्ता हैं सभी अपने कर्तव्य निष्ठा में लगे हुए हैं कोई पद की प्राप्ति में  प्रतिष्ठा की प्राप्ति लगा है  उनका धैर्य से विनिमर्ता से सभी कार्य आसान हो जाती है उतावलापन काम को खराब कर देता है आवेश में कई बार बड़ी बड़ी घटनाएं हो जाती हैं अनर्थ हो जाते हैं इसलिए हम लोग गीता में लिखा हर शब्द  शोध का विषय है भगवद गीता  को जीवन में ध्यान से पढ़ना चाहिए और उपदेश पर  अमल करते हुए जीवन में इनका पालन करना चाहिए।

इस अवसर पर नगर निगम मेयर कुलभूषण गोयल, गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण गर्ग,बीजेपी राष्ट्रीय महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष श्रीमती बंतो कटारिया, बीजेपी जिला प्रधान अजय शर्मा, पार्षद हरेंद्र मलिक, जय कोशिक, रितु सिंगला, परमजीत कौर, ब्रिजलाल गर्ग, श्री माधवगौशाला के प्रधान तेजपाल गुप्ता, राकेश गुप्ता, राकेश गोयल, श्यामलाल बंसल, मुकेश गोयल, धर्मपाल सिंघला, मुकेश मित्तल, परविंद्र ढिंगरा, प्रवीन गोयल, सुनील खुल्लर, डिंपी गर्ग सहित श्री कृष्ण परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे।