55 Years vs 11 Years – Congress only showed dreams to the Poor, while Double-Engine Government Turned them into Reality- CM

डिजिटल इंडिया के कारण काले धन में कमी आयी है।

पंचकूला जुलाई 3ः केंद्रीय  जल शक्ति व सामाजिक न्याय अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रतनलाल कटारिया ने कहा जून के महीने में भारत में लगभग 8,58,649 करोड़ रुपये (114 बिलियन डॉलर) का भुगतान एवं आदान-प्रदान डिजिटल तरीके से हुआ।

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रत्न लाल कटारिया ने कहा भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ¼NPCI)  भीम ऐप्प इतियादी के  द्वारा 5,47,373  करोड़ रुपये का भुगतान हुआ। फास्ट टैग द्वारा हाईवे पर 2,576 करोड़ रुपये का ट्रांसैक्शन हुआ। 2,84,033 करोड़ रुपये का भुगतान बैंक से बैंक द्वारा डिजिटल तरीके ( IMPS    – सेल फ़ोन या कंप्यूटर द्वारा  Immediate Payment Service½ से हुआ। आधार सत्यापन प्रक्रिया के द्वारा 24,667 करोड़ रुपये का पेमेंट हुआ।


यह सभी ट्रांसैक्शन कुछ सेकंड में बिना किसी थर्ड पार्टी के सत्यापन या हस्तक्षेप के हो गए – तभी यह डिजिटल हुए। उदाहरण के लिए, चेक पेमेंट के लिए किसी बैंक कर्मी को चेक क्लियर करना होता है। यही स्थिति बैंक टु बैंक मनी वायर या ट्रांसफर करने में है जिसे कोई कर्मी क्लियर करता है।


अगर इस 114 बिलियन डॉलर को एक वर्ष के आंकड़ों के रूप में ले, तो लगभग 1368 बिलियन डॉलर का ट्रांसैक्शन डिजिटल रूप से होगा।
रतन लाल कटारिया ने बताया कि दूसरे शब्दों में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पहले दिन से काला धन के खिलाफ प्रयासों से भारत की अर्थव्यवस्था का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा डिजिटल हो चुका है।  अमेरिका में डिजिटल पेमेंट अभी भी अर्थव्यवस्था का लगभग 20 प्रतिशत है, जबकि चीन में 45 प्रतिशत है।
रत्न लाल कटारिया ने कहा पिछले कुछ वर्षों में हुए बड़े फैसलों की वजह से निम्नलिखित परिणाम आये हैः

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1.काला धन रिकवरी 94,000 करोड़ से अधिक
2. अघोषित आय 1.3 लाख करोड़ से अधिक
3. एनपीए रिकवरी  5.63 लाख करोड़ से अधिक
4. रक्षा सौदों से अतिरिक्त बचत  1.92 लाख करोड़ से अधिक
5. डीबीटी बचत 1.78 लाख करोड़ से अधिक
6. विनिवेस से बचत 2.8 लाख करोड़ से अधिक
7. खानों की नीलामी से बचत 1.81 लाख करोड़ से अधिक रहा है !
 कटारिया ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने  कानूनी और गैरकानूनी धन के मध्य एक दीवार खड़ी कर दी है।  पहले धनी लोग अपने नंबर 2 के पैसे को मॉरिशस या साइप्रस ले जाते थे।  वहां पर उन्हें टैक्स नहीं देना पड़ता था।  फिर वह उस पैसे को  शेयर या कागजी कंपनियों के जरिए भारत ले आते थे।  उदाहरण के लिए, वे लोग किसी शेयर कंपनी का शेयर मार्केट में उतारते थे और मॉरिशस या भारत से उस शेयर को कई गुना दामों में खरीद लेते थे।  दिखाया जाता था कि शेयर कंपनी को शेयर बेचने से भारी लाभ हुआ है और वह पैसा नंबर एक हो जाता था।
रतनलाल कटारिया ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी के  सत्ता में आने के बाद ऐसे लोगो का काला धन, चाहे भारत में हो या विदेश में, फंस गया और वह धन व्यापारी और उद्योगपतियों की सहायता करने में असमर्थ था,  लगभग चार लाख कागजी कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है, उनके बैंक अकाउंट फ्रीज या बंद कर दिए गए हैं।
आज सारा डिजिटल – एवं कैश – ट्रांसैक्शन सरकार के समक्ष है। सरकार को पता है कि किस व्यक्ति ने किस स्थान से किसको पेमेंट किया है। तभी  GST    एवं आयकर के कलेक्शन में लगातार वृद्धि हो रही।