*Chandigarh Shines in Swachh Survekshan 2024–25; Enters the Super Swachh League Cities*

छात्राओं की दस दिवसीय मंडल स्तर रंगमंच कार्यशाला संपन्न

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पंचकुला, 14 जुलाई    शिक्षा विभाग हरियाणा एवं भारतीय रंगमंच विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ की ओर से डाइट, पंचकूला में 5 जुलाई से आयोजित मंडल सतर की 10 दिवसीय रंगमंच कार्यशाला संपन्न हुई।


डाइट प्रिंसिपल महा सिंह संधू इस समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि जब यह बच्चियां इस कार्यशाला के लिए आई थीं पहले दिन डरी, सहमी और मासूम थीं लेकिन प्रशिक्षण उपरांत आज इनकी प्रस्तुतियां देखकर इनमें परिपक्व रंगकर्मी नजर आ रहे है।  उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय के इंडियन थिएटर विभाग के प्रशिक्षकों कि सराहना की तथा इस कार्यशाला की व्यवस्था के लिए  प्रधानाचार्या बलजिंदर कौर व रश्मि शर्मा के साथ-साथ प्राध्यापक जयबीर सिंह, सोहनलाल, दीपा आदि सभी चारों जिलों से आए अध्यापकों की अभिभावकों के रूप में किए के काम की प्रशंसा की व कार्यशाला कुशलतापूर्वक करवाने के लिए धन्यवाद किया।  उपनिदेशक कुलदीप मेहता ने अपने वक्तव्य में कन्याओं के महत्व पर विचार रखे तथा कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए सभी संबंधित जनों को शुभकामनाएं दी। प्राध्यापक जयबीर सिंह ने बताया जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक व उप जिला शिक्षा अधिकारी कमलेश चौहान ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई व कार्यशाला के सफल संचालन के लिए सभी का धन्यवाद किया।


बच्चों के द्वारा तैयार किए गए परफॉर्मेंस इंक्रेडिबल इंडिया को माइम अभिनय के द्वारा दिखाया गया एवं मैं बोझ नहीं हूं मां कविता के माध्यम से नाटक की प्रस्तुति दी गई माइ ही साथ बच्चों को नुक्कड़ प्रशिक्षण के दौरान नुक्कड़ करने की प्रक्रिया से अवगत कराते हुए उनसे एक नुक्कड़ परफॉर्मेंस भी तैयार करवाया गया जिसकी प्रस्तुति दी गई। नारी का अस्तित्व और पुकार एवं भारत दर्शन नामक स्किट परफॉर्मेंस किए गए । अंत में छात्राओं के द्वारा वर्कशॉप के 10 दिन को पूरे 5 मिनट में म्यूजिकल परफॉर्मेंस से एक्टिंग एक्टिविटीज को दिखाने का सफल प्रयास किया गया और अंत में उन बच्चों ने इस वर्कशॉप को थैंक्यू वर्कशॉप का नाम दिया।


अंबाला कुरुक्षेत्र यमुनानगर वह पंचकूला जिलों के 4-4 उत्कृष्ट छात्राओं को स्मृति चिन्ह तथा सभी छात्राओं को सहभागिता प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया।  एवं उनका चयन राज्य स्तरीय कार्यशाला के लिए किया गया।


भारतीय रंगमंच विभाग के चेयरपर्सन डा. नवदीप कौर के मार्गदर्शन में प्रशिक्षक रोहित कुमार पांडे, मनीषा साहू, बिपिन कुमार, और इनके सहयोगी सुमित सैनी व अवरिंदर सिंह सभी का मतैक्य था कि छात्राओं की प्रस्तुति उनकी अपेक्षा से भी कहीं बेहतर रही।


छात्राओं ने राष्ट्रीय एकता पर सभी धर्मों के प्रतीकों का नाटक के मंचन में इस्तेमाल कर आकर्षक प्रस्तुति दी।


छात्राओं ने कार्यशाला के दौरान सीखी सभी कला विधाओं को एक नाटक के मंचन में काल्पनिक भ्रमण,  एकाग्रता कौशल, सरगम कंठ अभ्यास, शारीरिक भाषा की समझ, परिस्थिति आधारित अभिनय, व्यायाम  प्रदर्शित किया। ‌


दृश्य आधारित कार्य, छात्राओं का रचनात्मक प्रदर्शन, रंगमंच साज-सज्जा का इस्तेमाल आदि गतिविधियों के अतिरिक्त छात्राओं को प्रकृति से जोड़कर उन्हें कहानी लिखने की प्रक्रिया को समझाते हुए सभी से एक-एक कहानी लिखने का सफल प्रयास करवाया  गया। आर्ट और क्राफ्ट से संबंधित जानकारी दी गई।

आत्मविश्वास से लबरेज सभी छात्राएं मंच से बोलने के लिए लालायित थीं इनमें से तीन छात्राओं को मौका मिला तीनों छात्राओं ने भावनात्मक रूप से अनुभव साझा करते हुए  बताया की यह कार्यशाला उनको  जीवन पर्यंत याद रहेगी तथा सभी ने  प्रशिक्षकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।  छात्राओं ने विद्यालयों में अभिनय कला संबंधित शिक्षा की भी कामना की।

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