गौशालाएं गायों के लिए अस्थाई निवास है- शंकरलाल
पितृ पक्ष में गौशालाओं में लगाएं सवामनी-श्रवण कुमार गर्ग
पंचकूला, 24 सितंबर- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं गौ सेवा व गौ संवर्धन प्रकल्प के पूर्व राष्ट्रीय प्रमुख शंकरलाल ने पिंजोर की श्री कामधेनू गौशाला सेवा सदन में स्थापित हरियाणा गौ सेवा आयोग के तकनीकी मार्गदर्शन में चलने वाले गौ अनुसंधान केंद्र का दौरा किया।
इस अवसर पर हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग पूरे प्रवास के दौरान साथ मौजूद रहे। पिछले अनेकों वर्षों से देशभर में गौ माता के प्रचार- प्रसार व गौ संवर्धन हेतु शंकरलाल विशेष तौर पर एक जन जागरण अभियान चला रहे हैं। गाय के महत्व के बारे में देशभर में जा जाकर लोगों को जानकारियां उपलब्ध करवा रहे हैं।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि गायों की असली जगह किसान का घर होता है, गौशालाएं तो गाय के लिए एक अस्थाई निवास है। देशी गोवंश का संवर्धन कर उच्च गुणवत्ता व ज्यादा दूध उत्पादन करने वाली गायों को तैयार करना होगा। इस दिशा में पिंजोर की श्री कामधेनु गौशाला सेवा सदन बेहतर कार्य कर रही है। इस दिशा में और ज्यादा प्रयासों की आवश्यकता है। शंकरलाल ने देशी गोवंश की महत्ता पर बल दिया और कहा कि विदेशी गाय का दूध जहर के समान होता है, जबकि देसी गाय का दूध अमृत समान है।
उन्होंने गोवंश में आमतौर पर होने वाली बीमारियों के बेहतर इलाज के लिए अंग्रेजी दवाओं की बजाए देसी, गौतत्व, होम्योपैथिक की दवाइयों पर आधारित उपचार पर जोर दिया। ऐसा करने से उपचार के उपरांत आने वाले दुष्परिणामों से बचा जा सकता है। उन्होंने केवल पशुओं या गायों के लिए ही नहीं अपितु मानव के लिए भी देसी दवाइयों, गौ आधारित, होम्योपैथी दवाओं से होने वाले उपायों की विस्तृत जानकारी अनेकों फार्मूला के साथ बताइ। उनके अनुसार 108 प्रकार की बीमारियां गोबर और गोमूत्र से ठीक हो सकती है। शंकरलाल ने जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि गाय के गोबर से बने खाद या समाधि खाद के प्रयोग से फसलों में ज्यादा पैदावार होती है। जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
इस मौके पर कार्यक्रम अध्यक्ष हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने इस गौ संवर्धन केंद्र में चल रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई व केंद्र का दौरा करवाया। उन्होंने आह्वान किया कि आजकल पितु पक्ष चल रहा है, इस दौरान गौशालाओं में ज्यादा से ज्यादा सवामनी लगानी चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में वर्णित है कि पितृपक्ष के दौरान गायों को खिलाए भोजन से अपने पूर्वजों तक भोजन का सीधा लाभ पहुंचता है। गाय की सेवा भी होगी और गाय के पालन पोषण का पुण्य प्राप्त होगा।
श्रवण कुमार गर्ग ने जानकारी दी कि श्री कामधेनू गौशाला सेवा सदन में लगभग 1100 गोवंश है। जिनमें से ज्यादातर देशी गोवंश है। इस संवर्धन केंद्र में साहिवाल, थारपारकर, गिर नस्ल पर जबरदस्त नस्ल सुधार का कार्य चल रहा है। जिसके लिए पूरी गौशाला समिति बधाई की पात्र है। इस गोशाला में गाय के गोबर व गोमूत्र से अनेकों उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। जिनकी उपभोक्ताओं में अच्छी खासी मांग आ रही है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य शंकरलाल का हरियाणा में पहुंचने पर स्वागत किया।
इस अवसर पर हरियाणा गौ सेवा आयोग के सचिव डॉ चिरंतन कादयान, गौशाला समिति के भारत भूषण बंसल, नव राज धीर, रोहित सिंगला, आयोग के पशु चिकित्सक डॉ अश्वनी कुमार, पशुपालन विभाग के उपमंडल अधिकारी डॉ रणजीत सिंह जादौन, उपनिदेशक डॉ अनिल बनवाला व गौशाला समिति के अनेकों सदस्य और गौ भक्त मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत गाय के गोबर से बने गमलों में लगे तुलसी के पौधे भेंट किए गए।