गाय को कृषि से जोड़कर बढाई जा सकती है किसानों की आय – पुरूषोत्तम रुपाला
पंचकूला, 20 दिसंबर- केंद्रीय मतस्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा हरियाणा गोवंश अनुसंधान केंद्र की स्थापना करने और वहां पर गौ उत्पादों पर परीक्षण करने व उनका उत्पादन करने पर प्रशंसा की।
वे एक कार्यक्रम में जाने से पूर्व पिंजोर-शिमला हाईवे पर हरियाणा गोवंश अनुसंधान केंद्र में बने उत्पादों के एक स्टाल का निरीक्षण कर रहे थे। इससे पूर्व चण्डीगढ स्थित हवाई अड्डे पहुंचने पर हरियाणा के पशुपालन, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल और हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।
केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरषोत्तम रुपाला ने पिंजौर में गो उत्पादों के स्टाल पर प्रदर्शनी के लिए रखे गौ उत्पादों की जानकारी हासिल की। उन्होंने हरियाणा गौ सेवा आयोग के कार्यों की जमकर सराहना की। प्रदर्शनी स्थल पर हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग, सचिव डॉ चिरंतन कादयान, कामधेनु गौशाला सेवा सदन की प्रबंधक समिति के उपाध्यक्ष भारत भूषण बंसल, सचिव रोहित सिंगला, पुनीत जैन, कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र मलिक आदि ने केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और हरियाणा के पशुपालन, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल का स्वागत किया। इस अवसर पर गौशाला में बने उत्पाद गौशाला समिति की ओर से केंद्रीय मंत्री को भेंट किए गए।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने गौ आधारित खेती पर बल देते हुए कहा कि गाय को कृषि से जोड़कर किसानों की आय को बढाया जा सकता है। गाय से बने सभी प्रकार के उत्पाद पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं। उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से बहुत ही उत्तम किस्म की खाद बनती है, जिसमें रसायनिक खाद से ज्यादा पैदावार क्षमता होती है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि गाय के गोबर से बनने वाली शुद्ध जैविक खाद का प्रयोग कृषि हेतु भूमि में करें।
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के अनुसार गाय के दूध में कई तरह के खनिज तत्व पाए जाते हैं, जो कि जीवन में विकास के लिए अत्यावश्यक है। उन्होंने कहा कि गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए भारतीय गोवंश की नस्ल सुधार कर दुग्ध का और अधिक उत्पादन बढ़ाए और साथ ही भारतीय गोवंश का संरक्षण भी करें। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में गायों के लिए हॉस्टल बनाए जाने चाहिए ताकि शहरीकरण और एकल परिवार होने से जगह की कमी के कारण गोपालक गायों को अपने खर्चे पर इसमें रख सकें।