*Chandigarh nears historic milestone: Final Legacy Waste dump at Dadumajra to vanish, paving way for India’s first Zero-Landfill city*

गांव में ठिकरी पहरा लगाकर बाहर से आने वालों को मॉस्क के लिए करें प्रेरित: उपायुक्त

सिरसा, 16 सितंबर।


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि जिला में तेजी से हो रहा कोरोना का फैलाव चिंता का विषय है। कोरोना को लेकर लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही व जांच में देरी से न केवल कोरोना का फैलाव बढ रहा है, बल्कि जिला में मृत्यु दर में बढोतरी हुई है। पिछले एक सप्ताह में 500 से अधिक कोरोना के मामले सामने आए हैं और अब तक जिला में 36 लोगों की कोरोना के कारण मृत्यु भी हो चुकी है। कोरोना से बढती मृत्यु दर भविष्य के लिए घातक संकेत है। इसे रोकने के लिए हम सबको अपने जिम्मेवारी समझते हुए कारगर कदम उठाने होंगे और मिलकर कोरोना बचाव के संबंध में लोगों को प्रेरित करना होगा। इस कार्य में सरपंच अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण बुधवार को कैंप कार्यालय में वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से नगर पार्षदों व सरपंचों से कोरोना व नशा को लेकर बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरपंचों ने लॉकडाउन के दौरान गांव में ठीकरी पहरा लगाकर लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया था, जो सराहनीय रहा और इसके लिए आप सभी प्रशंसा के पात्र हैं। उसी प्रकार अब दोबारा से गांव में ठीकरी पहरा लगाकर कोरोना के फैलाव को रोकने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि इस बार किसी को रोकना नहीं बल्कि मॉस्क लगाने व सोशल डिस्टेसिंग की अनुपालना करवानी है। मॉस्क व सोशल डिस्टेसिंग इस बीमारी से बचाव के कारगर उपाय है। यदि दूसरे व्यक्ति से बातचीत करने के दौरान मॉस्क लगाकर रखा जाएं तो 99 प्रतिशत बचाव संभव है और सोशल डिस्टेसिंग बनाकर रखी जाए तो सौ प्रतिशत बीमारी से बचा जा सकात है। उन्होंने कहा कि सरपंच गांव में मॉस्क के लिए लोगों को प्रेरित करें।  

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उन्होंने कहा कि लोगों में भ्रांति है कि चिकित्सक जानबुझकर जांच करवाने वाले को कोरोना पोजिटीव दिखा रहे हैं। जोकि सरासर गलत है। चिकित्सक व जिला प्रशासन लोगों की सेवा के लिए दिन-रात तत्परता से कार्य कर रहा है। इसके अलावा लोगों में यह भी अफवाह फैलाई जा रही है कि पोजिटीव पाए जाने पर घर पर 14 दिन के लिए बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि घर के किसी सदस्य को किसी बीमारी से खोने से कहीं अधिक बेहतर है 14 दिन के लिए घर में रहकर कोरोना ये अपना बचाव करना है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम बेहतर होता है, उनको कई बार किसी प्रकार के लक्षण नहीं होते हैं और वे अपने आप ठीक भी हो जाते हैं, लेकिन यह सोच परिवार के बुजुर्गों व बच्चों के लिए घातक है, क्योंकि वह स्वयं तो इससे ठीक होता है लेकिन वह अपने परिवार के सदस्यों को संक्रमित कर देता है। इसलिए शुरूआती लक्षण में ही वह अपनी जांच करवाकर समय पर इलाज करवाएं, ताकि संक्रमण दूसरे लोगों में न फैल सके।

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उपायुक्त ने सरपंचों से आह्वान किया कि कोरोना के साथ-साथ जिला को नशा मुक्त बनाना भी हम सबकी सामाजिक जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि जिस उम्र में युवाओं को शिक्षा, खेल के साथ-साथ अपने अमूल्य जीवन को सही दिशा देनी चाहिए, उस उम्र में गलत संगत में शामिल होकर वे नशे का शिकार हो रहे हैं। जिला में नशे के कारण बहुत से परिवार बर्बाद हो चुके हैं और कई युवा छोटी उम्र में ही अपने जान गंवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरपंच अपने गांव में नशा में लिप्त युवाओं को नशा छोडऩे के लिए प्रेरित करें और इलाज के लिए नशा मुक्ति केंद्र में लेकर आएं। इसके अलावा गांव में नशा बेचने वालों की सूचना पुलिस व प्रशासन को जरूर दें। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति पांच लोगों को नशा छुड़ाएगा उसे जिला स्तरीय समारोह में सम्मानित किया जाएगा और पूरा गांव नशा मुक्त होने पर पंचायत को सम्मानित करने के साथ-साथ विकास कार्यों के लिए विशेष राशि दी जाएगी।