खेलो इंडिया की मेजबानी हरियाणा को पंचकूला में मुकाबले तय, विकसित होगा खेल ढांचा, शहर में खुशी की लहर
केंद्र की मोदी सरकार की पंचकूला पर दरियादिली लगातार जारी है। अनेक बड़े प्रोजेक्टों की सौगात मिलने के बाद अब देश के सबसे बड़े खेल महाकुम्भ ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ की मेजबानी भी पंचकूला को सौंप दी गई है। शनिवार को देश की राजधानी नई दिल्ली में केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजीजू, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, खेल मंत्री संदीप सिंह और खेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में इस आयोजन के लिए पंचकूला का नाम तय हुआ। इसके बाद मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष एवं पंचकूला से विधायक ज्ञान चंद गुप्ता को फोन कर यह जानकारी दी। यह खबर मिलते ही पंचकूला में खुशी की लहर दौड़ गई।
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि इस आयोजन की तैयारियों में किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने भी प्रदेश सरकार की ओर से हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया। यह मुकाबले 2021 के टोक्यो ओलंपिक के बाद होंगे, जिनकी तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि पंचकूला शहर और आसपास के क्षेत्रों के लिए यह उत्तम अवसर है। वर्ष 2020 में गोवाहाटी में आयोजित खेलो इंडिया में 10 हजार से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। वर्ष 2021 में होने वाले इस आयोजन में इससे कहीं अधिक खिलाड़ियों की भागीदारी की संभावना है। इस आयोजन के निमित्त पंचकूला में खेलों का व्यापक ढांचा विकसित होगा तथा बड़े स्तर पर आवासीय व्यवस्था करने के कारण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2018 में हुए प्रथम खेलो इंडिया में हरियाणा ने शीर्ष स्थान हासिल किया था। इसके बाद के दोनों आयोजनों में हरियाणा दूसरे नंबर पर रहा है। चूंकि इस बार हम मेजबान हैं तो खिलाड़ी दोगुने उत्साह में होंगे और इस कारण हरियाणा पुन: प्रथम स्थान हासिल करेगा। गुप्ता ने कहा कि इस आयोजन को पंचकूला के लिए स्वर्णिम अवसर के तौर पर लिया जाएगा और यहां खेलों का व्यापक ढांचा विकसित करेंगे। उन्होंने पंचकूला को मेजबानी का मौका देने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजीजू, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश के खेल मंत्री संदीप सिंह का आभार व्यक्त किया।
गौरतलब है कि खेलो इंडिया केंद्र की मोदी सरकार का सबसे बड़ा खेल अभियान है। साढ़े तीन वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इसकी घोषणा की थी। इसके बाद से हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर इसका आयोजन किया जा रहा है। पहला आयोजन वर्ष 2018 में नई दिल्ली में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के नाम से हुआ। इसके बाद इसका नाम खेलो इंडिया यूथ गेम्स हुआ। वर्ष 2019 में महाराष्ट्र के पुणे शहर में तथा 2020 में असम के शहर गोवाहाटी यह मुकाबले हुए।
प्रथम मुकाबलों का विजेता था हरियाणा, अब ज्यादा उम्मीद
खेलो इंडिया के तहत देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के खिलाड़ी कुल 20 खेल मुकाबलों में हिस्सा लेते हैं। वर्ष 2018 में नई दिल्ली में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में हरियाणा ने 38 स्वर्ण पदकों के साथ कुल 102 पदक जीत कर पहला स्थान स्थान हासिल किया था। 2019 में हरियाणा के खिलाड़ियों की झोली में 62 स्वर्ण पदकों के साथ कुल 178 पदक आए और प्रदेश ने महाराष्ट्र के मुकाबले दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस वर्ष अर्थात 2020 में गुवाहाटी में मुकाबले हुए, जिनमें हरियाणा ने 68 स्वर्ण, 60 रजत और 72 कांस्य पदकों के साथ कुल 200 पदक जीते। प्रदेश का लगातार दूसरी बार दूसरा स्थान रहा। इस बार चूंकि मुकाबला हरियाणा में ही होगा,तो पूरी संभावना है कि हरियाणा फिर से प्रथम स्थान हासिल करेगा।
इन खेलों में होता है मुकाबला
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने खेलो इंडिया अभियान में 20 खेलों को शामिल किया हैं। इनमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बॉस्केटबॉल, बॉक्सिंग, शतरंज, साइकिलिंग, फुटबॉल, जिम्नास्टिक, हैंडबॉल, हॉकी, जूडो, कबड्डी, कराटे, खो-खो, शूटिंग, तैराकी, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो, टेनिस शामिल हैं। खेलों के सीधे प्रसारण का अधिकार स्टार स्पोट्र्स चैनल के पास रहेगा।