कोरोना के खिलाफ लड़ाई में महिला एवं बाल विकास विभाग दोहरी भूमिका में निभा रहा दायित्व
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में विभाग महत्वपूर्ण कार्यों का जिम्मेवारी से कर रहा निर्वहन : डॉ. दर्शना सिंह
कोरोना वैश्विक महामारी से पूरा विश्व संकट के दौर से गुजर रहा है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में विभिन्न विभाग अपना दायित्व निभा रहे हैं। इन्हीं में से महिला एवं बाल विकास विभाग भी एक हैं, जोकि दोहरी भूमिका के साथ कोरोना के खिलाफ यौद्धा की भूमिका निभा रहा है। विभाग आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से जहां जरूरमंदों को मॉस्क वितरण कर रहा है, वहीं स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कोरोना से बचाव व इसकी रोकथाम में एक सहयोगी की भूमिका के दायित्व को पूरी जिम्मेवारी के साथ पूरा कर रहा है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता 59 हजार से अधिक मॉस्क का जरूरमतंदों में कर चुके वितरण, 8 हजार मॉस्क और किए जा रहे तैयार
जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. दर्शना सिंह ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने लॉकडाउन से लेकर अनलॉक के दौरान अपनी जिम्मेवारियों को पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाया है। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने घर में मॉस्क तैयार करके जरूरमंदों को वितरित कर रही हैं। अब तक 59 हजार 646 मॉस्क वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि मॉस्क बनाने का कार्य अब भी जारी है। 8 हजार मॉस्क और तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आंगवाड़ी कार्यकर्ता न केवल मॉस्क तैयार कर रही हैं, बल्कि लोगों को कोरोना से बचाव के उपाय व प्रशासन की हिदायतों की अनुपालना बारे भी जागरूक कर रही हैं।
स्वास्थ्य कर्मियों के साथ सहयोगी की भूमिका में सुपरवाईजर व आंगनवाड़ी वर्कर :
डॉ. दर्शना सिंह ने बताया कि कोरोना के फैलाव व इसकी रोकथाम को लेकर उपायुक्त की ओर से विभाग को दी जा रही जिम्मेवारियों को कर्मचारी फ्रंट लाइन यौद्धा की भूमिका में रहकर पूरा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ सुपरवाईजर व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता स्क्रीनिंग, स्वास्थ्य जांच आदि महत्वपूर्ण कार्यों में सहयोगी की भूमिका निभा रही हैं।
आंगनवाड़ी वर्कर घर-घर पहुंचा रही सूखा राशन, 12 हजार लोगों के फोन में डाउनलोड करवाया आरोग्य सेतु एप :
डा. दर्शना सिंह ने बताया कि आंगनवाड़ी वर्कर ने लॉकडाउन के दौरान विभाग की ओर से दिए जाने वाले सूखे राशन का वितरण पात्र परिवारों को घर-घर जाकर किया। यह कार्य अब भी आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना व मास्क लगाकर किया जा रहा है। विभाग द्वारा जिला के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के छह मास से लेकर 6 वर्ष तक की आयु के 42 हजार 43 बच्चों को पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाया गया। इसके अतिरिक्त 12 हजार 143 गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली माताओं को भी पूरक पोषाहार प्रदान किया गया।विभाग द्वारा माह में दो बार राशन वितरित किया जाता है। इसमें चावल, गेहूं, सोयाबीन, तेल, चीनी, मुरमुरे आदि शामिल है।
उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी वर्कर लोगों को कोरोना बचाव के बारे में जागरूक कर रही हैं। इसके अलावा आंगनवाड़ी वर्कर ने अब तक 22 हजार 120 लोगों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप भी डाउनलोड करवाया है। कोरोना काल के चलते विभाग की डब्ल्यूसीडीपीओ व सुपरवाइजर द्वारा स्क्रीनिंग, सैंपलिंग संबंधी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके अलावा उनके द्वारा सर्वे व जागरुकता का कार्य भी किया जा रहा है। विभाग द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए लगाए गए राहत कैंपों में भी उनकी काउंसलिंग की गई है और इन केंपों में महिलाओं सैनेटरी पैड भी वितरित किए गए हैं।