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केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधारिकता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने समता दिवस पर बाबू जगजीवन राम के योगदानों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।

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पंचकूला अप्रैल 5 : केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधारिकता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने समता दिवस पर बाबू जगजीवन राम के योगदानों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि बाबूजी ने आक्रोश को अपनाए बिना मुखरता से सामाजिक भेदभाव का विरोध किया और सामाजिक असमानताओं से लड़ने के लिए राजनीतिक प्रतिरोध का रास्ता अपनाया। बाबूजी के इसी जज्बे को 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समता दिवस के अवसर पर सलाम किया जाता है।

कटारिया ने बाबूजी को केवल वंचित अधिकारों के लिए लड़ने वाले मसीहा ही नहीं, बल्कि एक कुशल प्रशासक के साथ-साथ श्रम सुधारों की अलख जगाने वाले नेता भी बताया।

उन्होंने कहा कि बाबूजी लोकतंत्र को अधिकारों और प्रतिनिधित्व का संगमसेतु मानते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार वंचितों के सशक्तिकरण के लिए बाबू जगजीवन राम के सुझाए अधिकार और प्रतिनिधित्व के मंत्र पर चल रही है। “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” के मूल में भी यही मंत्र काम कर रहा है।

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कटारिया ने कहा कि आज के दौर में, जहां लोग मतभेद के साथ मनभेद भी पाल रहे हैं, बाबूजी को याद किया जाना और प्रासंगिक हो गया है। यह सत्‍य है कि महान हस्तियां शरीर से‍ मिट जाते हैं परंतु उनकी विरासतें और‍ विचार अमर रहते हैं। बाबू जी बहुआयामी व्‍यक्तित्‍व के धनी थे, उनका समृद्घ जीवन और धर्मनिरपेक्षता, अखण्‍डता और लोकतंत्रात्‍मक मूल्‍यों के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता न केवल दलित समुदाय वरन संपूर्ण भारतीयों को सदैव प्रेरित करती रहेगी। कटारिया ने आगे कहा “एक संसद सदस्‍य और दलित राजनीतिज्ञ के रूप में उनका जीवन और विरासत मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज बाबू जी की 113वीं जयंती के अवसर पर मैं उम्‍मीद करता हूं कि राष्‍ट्र उनके कार्य और विजन से शक्ति और प्रेरणा प्राप्‍त करता रहेगा।“