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कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला ने गांव हरिपुर में ‘फसलों में पोषक तत्व प्रबंधन’ विषय पर किसान गोष्ठी का किया आयोजन

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पंचकूला, 31 मार्चः हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला की संयोजिका डाॅ श्री देवी के दिशा निर्देशन में गांव हरिपुर ब्लाॅक रायपुररानी में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में हरिपुर व बढ़ोना के किसानों ने भाग लिया।गोष्ठी का विषय ‘फसलों में पोषक तत्व प्रबंधन’ रहा।


कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि अर्थशास्त्री डाॅ गुरनाम सिंह ने किसान की आमदनी बढाने व कृषि में बढती लागत को कम करने के लिए कृषि आधारित अन्य व्यवसाय जैसे पशुपालन, केंचुआ पालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, मशरूम की खेती, भेड़-बकरी पालन, मुर्गी पालन इत्यादि अपनाने की अपील की। उन्होंने किसान महिलाओं से आहवान किया कि आगे आने वाला समय प्राकृतिक खेती का है। इसलिए किसान रसायनिक खाद, कीटनाशक व खरपतवार नाशी दवाई का इस्तेमाल छोड़कर गली-सड़ी गोबर की खाद, केंचुआ खाद व देशी दवाईयों के इस्तेमाल पर जोर दें। केंचुआ खाद को अपने खेतों में डालने के साथ-साथ व्यवसाय के तौर पर करके केंचुआ व खाद बेचकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं, लेकिन यह भी तभी संभव है जब किसान अच्छी नस्ल की भैंस व गाय पालन व्यवसाय के तौर पर करेंगे। उन्होंने प्रसंस्करण विषय पर बोलते हुए कहा कि किसान बाजार की मांग को ध्यान में रखकर फसल उत्पादन, प्रसंस्करण के बाद पैकिंग और स्वयं मार्केटिंग करके अपना मुनाफा बढा सकते हैं।


कृषि विज्ञान केन्द्र के बागवानी विशेषज्ञ डाॅ. राजेश लाठर ने कृषक महिलाओं को आहवान किया कि फल, सब्जी, फूल उत्पादक किसान रसायनिक खादों को छोड़ कर केंचुआ खाद पर जोर दें ताकि फल, सब्जी के उत्पादन के साथ-साथ गुणवत्ता, पोषकता आदि को बढाया जा सके। उन्होंने  आगे बताया कि सब्जी और फलों में वर्मी वाश का छिड़काव करने पौधों की अच्छी बढवार होती है और इसके साथ-साथ कीड़े व बिमारियों पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है।  फसल पौधों में पौधे की आयु के हिसाब से 4-10 कि.ग्रा. केंचुआ खाद का प्रति पौधा इस्तेमाल करना चाहिए। सब्जी की फसलों में 1-15 टन प्रति एकड़ केंचुआ खाद इस्तेमाल करनी चाहिए ताकि अच्छी पैदावार हो सके।

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इस अवसर पर डाॅ. सतबीर सिंह सूरा ने अलग-अलग तरीकों से केंचुआ खाद बनाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री राहुल यादव, प्रोग्राम प्रबंधक यशपाल शार्म, ब्लाक कलस्टर कोओर्डिनेटर रूबि, कलस्टर मैनेजर सीमा व विपेज फैसिलिटेटर मीना व गांव की प्रगतिशील महिलाओं ने बढचढ कर भाग लिया।