अब तक मंडियों में 99356 मीट्रिक टन धान में से 94815 मीट्रिक टन धान का हुआ उठान

कृषि पर देश के अधिकतम व्यवसाय निर्भर -उपायुक्त

खेती घाटे का सौदा नहीं, किसान समय अनुसार खेती करें,

पंचकूला 14 अक्तूबर- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा कि खेती भी किसी व्यवसाय से कम नहीं है। इसलिए किसानों को इसे सही समझते हुए ओर फसल विविधिकरण को अपनाते हुए कृषि करनी चाहिए तभी किसान विकास के दौरा में निरन्तर आगे बढता रहेगा।

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उपायुक्त जिला के गांव टाबर में कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन एवं स्वस्थ वातावरण एवं अधिक आमदनी विषय पर आयोजित जागरूकता शिविर को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रोमोशन आॅफ एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन फार इन सीटू मैनेजमैंट आॅफ क्राॅप रेजीडयू पर आधारित कृषि उपकरणों के प्रदर्शन भी देखा ओर किसानों से विस्तार से प्रोगे्रसिव किसानों से बातचीत की।


उन्होंने कहा कि कृषि व्यवासय पर देश के अधिकतम व्यवसाय निर्भर करते है। किसानों को इन व्यवसायों को बढावा देने के लिए अपने कृषि व्यवसाय को वर्तमान नियमावली एवं कृषि पद्वति पर चलते हुए कृषि व्यवसाय को लाभदायक बनाना है। इसके लिए नवीनतक कृषि तकनीकि को अपनानेे के साथ साथ फसल विविधिकरण पर बल देना चाहिए। फसल विविधकरण वर्तमान समय की मांग है और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त एवं मजबूत बनाने का नवीनतम साधन है।


उपायुक्त ने कहा कि सरका के निर्देशानुसार यदि किसान उपकरणों को अपनाएगें तो खेती कभी भी घाटे का सौदा नहीं रहेगी। उन्होंने पराली जलाने से जमीन की उपजाऊ एवं उर्वरा शक्ति कम होती है और वातावरण भी प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऐसे उपकरण आए हुए हैं जिनसे पराली की गांठे आसानी से बनती हैं और किसान उन्हें बिक्री करके आमदनी भी कमा सकते है। उन्होंने कहा कि इन उपकरणों के सहयेाग से किसान सुदृढ होने लगा है।


उपायुक्त ने कहा कि किसानों को सकंल्प करवाया कि वे भविष्य मे पराली नहीं जलाएगें ओर स्वंय को सुरक्षित बनाते हुए भूमि की उर्वरा शक्ति को भी बढाएगे ओर जिला को जीरो बर्निंग घोषित करेगें। इसके अलावा पराली जलाने वाले अन्य किसानों को भी जागरूक करेंगे ताकि पर्यावरण को दूषित होने से बचाएगें तथा धूएं से होने वाले नुकसान से भी सचेत करेंगे।


कृषि उपनिदेशक डा. वजीर सिंह ने बताया कि रायपुररानी व बरवाला क्षेत्र में 7 कस्टम हायर सैंटर विभाग की ओर से स्थापित करवाए गए है। इसके अलावा कृषि उपकरणों को 40 लाख रुपए की सबसिडी प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि कृषि उपकरणों पर 50 प्रतिशत अनुदान किसानों को दिया जा रहा है इस वर्ष 10 स्थानों पर आगजनी की सूचनाएं मिली जिनमें से 7 किसानों पर जुर्माना किया गया।


उपायुक्त ने जिला के लगभग 20 प्रोगे्रसिव किसानों, स्ट्रा बेलर आपरेटरों व अधिकारियों को प्रशस्ति प्रदान कर सम्मानित किया, जिन्होंने पराली जलाने से रोकने के लिए चलाए गए अभियान में सराहनीय सहयोग किया। इनमें कर्मसिंह, लखविन्द्र, चरणजीत, नवीन, जितेन्द्र, सुबेसिंह, अनंगपाल, अमरसिंह, संदीप राणा, धर्मपाल, बलजिन्द्र जयपाल, आदि शामिल है। कार्यक्रम में उपकृषि निदेशक वजीर सिंह सहित विभाग के कई अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल रहे।

गांव के प्रोगे्रसिव किसान अमर सिंह ने बताया कि कृषि उपकरणों से किसानों को तीहरा लाभ मिल रहा है। अब किसान धान की कटाई के बाद गंाठे बांधने की मशीन चलाकर अवशेष आसानी से खेत से उठाकर आलू आदि सब्जी फसलों की बिजाई कर सकते है। किसान आग लगाकर सरकारी चालान से बचने के साथ भूमि की उर्वरा शक्ति को भी बरकरार रख सकते है ओर पराली गांठांे को बिक्री करके मुनाफा भी कमा सकते है। इस प्रकार किसान की आमदनी बढेगी और वह आर्थिक रूप से सशक्त होगा।