कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक (सांख्यिकी) ने गांव टाबर में गेहूँ की फसल कटाई के प्रयोगों का किया निरीक्षण
पंचकूला, 11 अप्रैल कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक (सांख्यिकी) डा0 राजेन्द्र सिंह सौलंकी आज गांव टाबर में गेहूँ की फसल कटाई के प्रयोगों का निरीक्षण करने पहुचें। डा0 राजेन्द्र सिंह सौलंकी ने जिले के सभी गावों में फसल कटाई प्रयोगों का कार्य कर रहे कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को आदेश दिए कि वर्तमान रबी सीजन में यह कार्य ध्यान पूर्वक करें, इन्ही के आधार पर प्रत्येक गांव की औसत पैदावार तय की जाएगी तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों का क्लेम भी इन्ही के आधार पर ही निर्धारित किया जाएगा।
इस मौके पर सहायक सांख्यिकी अधिकारी उपेन्द्र सहरावत ने बताया कि फसल कटाई प्रयोगों के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की जिले के सभी गावों में ड्यूटी लगाई गई है जिनके द्वारा प्रत्येक गांव में गेहूँ, सरसों व चना के लिए चार-चार फसल कटाई प्रयोग किए जा रहे हैं। आकड़ों में शुद्धता लाने के उदेश्य से ही इस कार्य को किया जा रहा है। उन्होने बताया कि फसल कटाई प्रयोग के आधार पर ही जिले की औसत पैदावार निकाली जाएगी। गांव टाबर में कृषि विभाग के ए0टी0एम0 श्री बलजीत सैनी के फसल कटाई प्रयोगों का निरीक्षण अतिरिक्त निदेशक डा0 राजेन्द्र सिंह सौलंकी, सहायक संाख्यिकी अधिकारी, पंचकूला उपेन्द्र सहरावत व उप मण्डल कृषि अधिकारी, पिंजौर डा0 बलबीर भान द्वारा मौके पर जाकर किया गया।
सहायक संाख्यिकी अधिकारी, पंचकूला उपेन्द्र सहरावत ने बताया कि प्रत्येक गांव में रैन्डम नम्बर एवं स्मार्ट सैम्पलिंग के माध्यम से गेहूँ, सरसों व चना फसल के लिए चार-चार खेत चुने गए जिसमें पांच बाई पांच के प्लाट का चयन किया गया। यह कार्य कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किया जाना होता है ताकि गांव स्तर की औसत पैदावार निकाली जा सकें।
अतिरिक्त निदेशक (सांख्यिकी) डा0 राजेन्द्र सिंह सौलंकी द्वारा किसानों को यह भी बताया गया कि किसान अपनी गेहँू की फसल काटने के बाद उसके फाने न जलाएं। फाने जलाने उपरांत निकलने वाले धंुए से मानव शरीर पर घातक प्रभाव पडता है तथा फाने जलाने से जमीन की उपजाउ शक्ति पर भी दुषप्रभाव पडता है। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग के कर्मचारियों को भी निर्देश दिए गए कि किसानों को फाने जलाने उपरांत होने वाले दुषप्रभाव के बारे में ज्यादा से ज्यादा अवगत करवाया जाए।
इस मौके पर कृषि विभाग के संाख्यिकी सहायक श्री नवीन दहिया व गांव के किसान भी मौजूद थे।