किसान 31 अगस्त तक अवश्य करवाएं अपनी प्रति एकड़ फसल का पंजीकरण : उपायुक्त अनीश यादव
– कृषि योजनाओं का लाभ लेने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल पंजीकरण करवाना जरूरी: उपायुक्त
अनाज मंडी में सरलता से फसल की बिक्री करने व कृषि विभाग की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसलों का पंजीकरण करवाना अतिआवश्यक है। इसलिए किसान 31 अगस्त तक अपनी प्रति एकड़ कृषि योग्य भूमि का ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण अवश्य करवाएं।
उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के कल्याणार्थ अनेकों महत्वपूर्ण योजनाएं क्रियांवित की जा रही है, इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए फसल पंजीकरण बहुत जरूरी है। इसके अलावा अनाजमंडी में फसल बिक्री के लिए भी पोर्टल पर फसलों का पंजीकरण करवाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि फसल पंजीकरण करवाना बहुत ही सरल है, इसे किसान फसलडॉटहरियाणाडॉटजीओवीडॉटइन (http://fasal.haryana.gov.in) पर लॉगिन करके स्वयं अपने एंड्रॉयड मोबाइल से कर सकते हैं। इसके अलावा किसी भी किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर(सीएससी) में या मार्केट कमेटी कार्यालय में भी करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए अपनी फसलों के पंजीकरण के लिए परिवार पहचान पत्र का होना अनिवार्य है।
उपायुक्त ने जिला के सभी किसानों से आह्वïान किया कि वे बोई गई फसल का कृषि विभाग द्वारा किए जा रहे सत्यापन कार्य में भी अपना सहयोग दें और अपनी फसल का पंजीकरण जरूर करवाएं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में किसानों को अगर किसी भी प्रकार की परेशानी आती है तो वह कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर अथवा कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते है।
उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल ने बताया कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत जिला के 16 हजार 450 किसानों ने पंजीकरण करवाया है, जिनकी फिजिकल वैरीफिकेशन की जा रही है। उन्होंने जिला के किसानों से आह्वïान किया कि वे 31 अगस्त तक अपने फसलों को पंजीकरण मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अवश्य करवा कर कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ ले।
फसल पंजीकरण करवा कर किसान उठा रहे योजनाओं का लाभ :
गांव शाहपुर बेगू के किसान राजाराम व गांव खैरकां के किसान रमेश शर्मा ने कहा कि प्रत्येक किसान को अपनी फसल का पंजीकरण मेरी फसल – मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अवश्य करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर फसल पंजीकरण करने से उन्हें अनाजमंडी में फसल बिक्री में कोई परेशानी नहीं होती और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल की खरीद की जाती है। इसके अलावा सरकार द्वारा चलाई जा रही मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का भी लाभ मिला है, योजना के तहत फसल विविधीकरण अपनाने तथा धान की अलावा कम पानी खर्च वाली फसलों की बुआई करने पर सात हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है। ये दोनों योजनाएं बहुत लाभकारी सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि हमें हमारी आने वाली पीढिय़ों के लिए जल संरक्षण करना है, तो मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत प्रदेश सरकार की जल बचाव मुहिम में अपना योगदान देना होगा।