किसान मक्की की फसल उगाकर प्रति एकड़ 7 हजार की राशि लें-उपायुक्त
पंचकुला 6 जून। उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा कि बागवानी विभाग द्वारा जिले में फसल विविधिकरण स्कीम बारे किसानों को जागरूक करने एवम् अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतू विशेष अभियान चलाया जा रहा है ताकि किसान सरकार की इस योजना का लाभ लेकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर स्वावलंबी बन सके। इसके अलावा घटते जल स्तर की समस्या से बचने के लिए भी किसानों को धान की बजाय मक्का की खेती करनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारी फसल विविधिकरण स्कीम अपनाने पर किसानों को होने वाले विभिन्न प्रकार के फायदों के बारे में भी विस्तार से किसानों को जानकारी दे रहे है। उन्होंने बताया कि फसल विविधिकरण स्कीम के तहत किसान ठेके पर पंचायती जमीन लेकर स्वयं नुमेटिक प्लांटर मशीन चला कर मक्का की बिजाई कर सकते है। उन्होंने बताया की घटते जल स्तर की समस्या से बचने के लिए किसान धान की बजाय मक्का की खेती करें। इसके लिए विभाग 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से उन किसानों को प्रोत्साहन राशी भी देगी, जिन किसानों ने पिछले वर्ष धान की फसल उगाई थी और इस बार उन्हीं खेतों में मक्का की फसल लगाएंगे। सरकार मक्का बिजाई की मशीन नुमेटिक मक्का प्लांटर व मेज प्लांटर पर अनुदान भी दे रही है।
उपायुक्त ने बताया की विभाग में एक मक्का बिजाई मशीन व डीएसआर मशीन उपलब्ध है, जो किसानों को निशुल्क बिजाई के लिए उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि किसानों को कृषि यंत्र नुमेटिक प्लांटर मशीन, डीएसआर मशीन, राईश ट्रांसप्लांटर व मक्का बिजाई मशीन भी 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि नुमेटिक प्लांटर मशीन पर अधिकतम 2 लाख 25 हजार रुपये, डीएसआर मशीन पर अधिकतम 20 हजार रुपये, राईश ट्रांसप्लांटर पर अधिकतम 5 लाख रुपये, मक्का बिजाई मशीन पर अधिकतम 40 हजार रुपये का अनुदान दिया जा है।
उपायुक्त ने बताया कि किसान कृषि यंत्रों की खरीद कर डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एजीआरआईएचएआरवाईएएनए डॉट कॉम पर कृषि यंत्रों का बिल 30 जनू तक अपलोड कर सकते है। उन्होंने बताया कि इसके लिए आवेदक नेे पिछले 4 वर्षो के दौरान उन कृषि यंत्रो पर लाभ न लिया हो और आवेदन के नाम पर 35 एचपी या उससे अधिक का ट्रैक्टर वैध आरसी सहित जिला में रजिस्टर है (केवल ट्रैक्टर चालित कृषि यंत्र हेतु) तथा जिला में स्वयं या माता, पिता, पुत्र, पुत्री, पति, पत्नी के नाम जिला में कृषि भूमि नाम होनी चाहिए तभी इस योजना का लाभ ले सकते है।
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