जब महिलाएं बिना दबाव के निर्णय लेने में सक्षम होगी तभी वास्तव में सशक्त होंगी-राकेश कुमार आर्या

कल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पंचकूला के सेक्टर 1 स्थित रेड बिशप कंवेशन हाॅल में सूफी गायन का किया जाएगा आयोजन

– कला  एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के प्रधान सचिव डाॅ0 डी. सुरेश एवं निदेशक श्री महावीर कौशिक के मार्गदर्शन में आयोजित किया जाएगा कार्यक्रम

– कार्यक्रम राज्य की सांस्कृतिक परम्परा, समृद्धि एवं विशेष तौर पर नारी शक्ति पर आधारित

For Detailed News

पंचकूला, 7 मार्च- आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष में कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा द्वारा कल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पंचकूला के सेक्टर 1 स्थित रेड बिशप कंवेशन हाॅल में सायं 5.30 बजे सूफी गायन का आयोजन किया जाएगा।


इस संबंध में जानकारी देते हुए कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि कला  एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के प्रधान सचिव डाॅ0 डी. सुरेश एवं निदेशक श्री महावीर कौशिक के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।  


उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री  श्री  मनोहर  लाल  के  मार्गदर्शन  में  प्रदेश  में कला एवं संस्कृति के उत्थान एवं संरक्षण, संवर्धन  हेतु  निरन्तर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान नारी सशक्तिकरण की दिशा में समय-समय पर अनेकों योजनाएं जैसे-बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना तथा महिला हैल्पलाईन  आदि  का लाभ  प्रदान  किया जा रहा है।

 
उन्होंने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओ का मनोबल बढाने के लिए इस दिन पूरे विश्व मे कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी 75वें आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में ”महिला सशक्तिकरण” पर आधारित अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर  विशेष  कार्यक्रम  ”सूफी  गायन”  का   आयोजन  नूरा  सिस्टर (श्रीमती ज्योति नूरां तथा श्रीमती सुल्ताना नूरां) द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में निशुल्क प्रवेश की सुविधा है। उन्होंने सूफी गायन कार्यक्रम में आने वाले लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे कार्यक्रम  के  दौरान  अपनी  ओर  दूसरों  की  सुरक्षा  के  लिए  मास्क  अवश्य पहनें।

https://propertyliquid.com/


उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम राज्य की सांस्कृतिक परम्परा, समृद्धि एवं विशेष तौर पर नारी शक्ति पर आधारित है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा सभी विधाओं में समय-समय पर कला के विकास, संरक्षण व संर्वधन के लिए ऐसे कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हंै।