उपायुक्त श्री सुशील सारवान के मार्गदर्शन में लघु सचिवालय में 7वीं बटालियन एनडीआरएफ, भटिंडा और जिला प्रशासन के सहयोग से भूकंप आपदा पर आयोजित की गई मॉकड्रिल
जिला प्रशासन और 7वीं बटालियन एनडीआरएफ, भटिंडा के बीच समन्वय और तालमेल बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया मॉकड्रील का आयोजन
मॉकड्रिल में सभी लाइन विभागों और 7वीं बटालियन एनडीआरएफ, भटिंडा के बीच देखा गया बेहतर समन्वय और तालमेल
पंचकूला, 28 नवंबर- उपायुक्त श्री सुशील सारवान के मार्गदर्शन में आज सेक्टर-1 स्थित लघु सचिवालय में 7वीं बटालियन एनडीआरएफ, भटिंडा और जिला प्रशासन के सहयोग से भूकंप आपदा पर मॉकड्रिल आयोजित की गई।
इस मौकड्रील में पुलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन, लोक निर्माण विभाग, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा, और रेड क्रॉस ने भाग लिया।
जिला पंचकूला भूकंपीय जोन 4 के अंतर्गत आता है जिसमें भूकंप आने की बहुत अधिक संभावना है इसलिए जिला प्रशासन और 7वीं बटालियन एनडीआरएफ, भटिंडा के बीच समन्वय और तालमेल बढ़ाने के उद्देश्य से मॉकड्रील का आयोजन किया गया ताकि भूकंप जैसी आपदा के समय तुरंत बचाव उपाय किए जा सके। एचएमटी पिंजौर में एनडीआरएफ कर्मियों की एक स्थायी टीम तैनात है, जिसे क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र के रूप में जाना जाता है।
मॉकड्रिल एक्सरसाइज सुबह 10.30 बजे सायरन बजाने के साथ शुरू हुई। सभी अधिकारी और कर्मचारी लघु सचिवालय भवन खाली कर परिसर में एकत्रित हुए। लघु सचिवालय भवन से कुल 6 लोगों को निकाला गया, जिनमें से 2 लोगों को अग्निशमन विभाग द्वारा भूतल से, 2 लोगों को होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा पहली मंजिल से और 2 लोगों को एनडीआरएफ टीम द्वारा छत के ऊपर से निकाला गया।
नगराधीश राजेश पूनिया, जिला प्रशासन की ओर से मॉक ड्रिल के प्रभारी थे। उनके साथ नायब तहसीलदार हरदेव नेहरा और राजस्व विभाग से परियोजना अधिकारी श्री सौरभ धीमान भी उपस्थित थे। श्री सौरभ धीमान ने मॉकड्रिल की योजना और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सेंटर कमांडर होम गार्ड पंचकूला सुनील कुमार, स्टोर सुपरिंटेंडेंट सिविल डिफेंस, पंचकूला अशोक कुमार और सिविल डिफेंस के 8 सदस्यों ने मॉक अभ्यास में भाग लिया। इसके अलावा 2 एम्बुलेंस के साथ 2 डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ भी मौजूद रहे। श्रीमती सविता अग्रवाल सचिव रेड क्रॉस अपनी 20 स्वयंसेवकों की टीम के साथ, लोक निर्माण विभाग की टीम, एक जेसीबी, एक क्रेन और एक ट्रक के साथ उपस्थित थी। मॉक अभ्यास में एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर और एक एएसआई के साथ पुलिस टीम भी मौजूद रही। एनडीआरएफ टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर सदानंद नायक टीम कमांडर आरआरसी पिंजौर और इंस्पेक्टर आशित के साथ आरआरसी पिंजौर के सेकिंड इन कमांड ने किया, जिसमें 28 एनडीआरएफ कर्मियों थे, जिन्होंने रस्सी बचाव विधि के माध्यम से दूसरी मंजिल से 2 व्यक्तियों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह एक सफल मॉकड्रिल रही, जिसमें सभी लाइन विभागों और 7वीं बटालियन एनडीआरएफ, भटिंडा के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल देखा गया।