उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने नशीले पदार्थों के उपयोग की रोकथाम के लिये गठित जिला स्तरीय एनकोर्ड कमेटी की बैठक की करी अध्यक्षता
-नशीले पदार्थों के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को किया जाये जागरूक-उपायुक्त
-दूसरे प्रदेशों से मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिये जिला पुलिस को चैकिंग बढ़ाने के दिये निर्देश
-जिला में स्थित सभी नशामुक्ति केंद्र/परामर्श केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों का निरीक्षण करने के लिये गठित की गई है जिला स्तरीय निरीक्षण समिति-उपायुक्त
पंचकूला, 5 जनवरी- उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने निर्देश दिये कि मादक पदार्थों की तस्करी और उपयोग की रोकथाम के लिये नशीले पदार्थों के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को जागरूक किया जाये ताकि पंचकूला को नशामुक्त बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस द्वारा टोलफ्री नंबर 7087081100 शुरू किया गया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति नशीले पदार्थों के प्रयोग व तस्करी के बारे में जानकारी दें सकता है।
श्री कौशिक आज आज लघु सचिवालय के सभागार में नशीले पदार्थों के उपयोग की रोकथाम के लिये गठित जिला स्तरीय एनकोर्ड कमेटी की आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस टोल फ्री नंबर पर जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है।
श्री महावीर कौशिक ने पुलिस विभाग को इस टोल फ्री नंबर पर अब तक प्राप्त हुई शिकायतों की संख्या से संबंधित सूची उन्हें उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि दूसरे प्रदेशों से मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिये जिला पुलिस द्वारा नालागढ़, बद्दी से मड़ावाला तक चैकिंग बढ़ाई जाये। बैठक में नशे की तस्करी और पैदावार को रोकने के लिये भी विचार विमर्श किया गया। उपायुक्त ने निर्देश दिये कि संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी और पटवारी के संज्ञान में यदि कहीं भी भांग व अन्य नशीले पदार्थों की पैदावार आती है तो उसे तुरंत नष्ट करवाया जाये।
उपायुक्त ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्कूलों में बच्चों को टोलफ्री नंबर 7087081100 के बारे में जागरूक किया जाये कि यदि स्कूल में कोई भी बच्चा नशा करता पाया जाये तो तुरंत इसकी सूचना इस नंबर पर दें। इसके अलावा सभी स्कूलों में इस टोल फ्री नंबर को ऐसे स्थानों पर अंकित किया जाये, जहां बच्चों के साथ साथ आने जाने वाले लोगों को भी इस नंबर की जानकारी हो।
उपायुक्त ने निर्देश दिये कि जिला स्तरीय निरीक्षण समिति (डीएलआईसी) जिला में स्थित सभी नशामुक्ति केंद्र/परामर्श केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों का निरीक्षण करें और सुनिश्चित करें कि इन सभी केंद्रों पर चिकित्सा, सटाफ, सहायक सेवाएं, रिकॉर्ड रखरखाव जैसे सभी न्यूनतम मानक पूरे किए जा रहे। यह समिति अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित की गई हैं। सिविल सर्जन पंचकूला इस समिति के सदस्य सचिव है। समिति के अन्य सदस्यों में जिला समाज कल्याण अधिकारी, कार्यकारी अभियंता, प्रोविजनल डिविजन, लोक निर्माण (भवन और सड़कें) पंचकूला शाखा, कार्यकारी अभियंता, कन्स्ट्रक्शन डिविजन, लोक निर्माण (भवन और सड़कें) चंडीगढ़ शाखा, स्वास्थ्य विभाग का एक प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधि शामिल है।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्री सतपाल कौशिक ने बताया कि ज्वाईफूल सेटरडे (शनिवार) के दिन स्कूलों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाती है ताकि वे नशे की लत से दूर रहे। इसके अलावा मास्टर ट्रेनरों द्वारा भी बच्चों को प्रार्थना सभाओं में नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताया जाता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में इंद्रधनुष आॅडिटोरियम में नशामुक्त पंचकूला पर बच्चों के लिये पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था।
इस अवसर पर एसडीएम पंचकूला ममता शर्मा, एसीपी राजकुमार रंगा, जिला समाज कल्याण अधिकारी विशाल सैनी, तहसीलदार कालका विक्रम सिंगला, जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक, उप-जिला शिक्षा अधिकारी संध्या छिकारा, ड्रग कंट्रोल आॅफिस से इजाज अहमद, ईटीओ अरूण कुमार, समिति के गैर सरकारी सदस्य डीपी सोनी व डीपी सिंघल भी उपस्थित थे।