*उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने जिला टास्क फोर्स की आयोजित बैठक की करी अध्यक्षता *
-*स्वास्थ्य व संबंधित विभागों को खसरा व जर्मन खसरा (मिजल रूबेला) बीमारी को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिये मिलकर कार्य करने के दिये निर्देश *
पंचकूला, 16 दिसंबर- उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने आज जिला सचिवालय के सभागार में जिला टास्क फोर्स की आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उपायुक्त ने स्वास्थ्य व संबंधित विभागों को खसरा व जर्मन खसरा (मिजल रूबेला) बीमारी को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिये मिलकर कार्य करने के निर्देश दिये।
उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिला में खसरा व जर्मन खसरा (मिजल रूबेला) बीमारी के इलाज की पहली व दूसरी डोज की 95 प्रतिशत से अधिक कवरेज होनी चाहिये। एमआर-1 की पहली खुराक 9 माह के बच्चें को व दूसरी खुराक डेढ साल पर दी जाती है।
बैठक में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा खसरा व जर्मन खसरा (मिजल रूबेला) बीमारी को 2023 तक पूर्ण रूप से समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। 1 जनवरी 2023 से जिले में एफआईपीवी (इन्जैक्टेबल पोलियो की खुराक) की तीसरी डोज शिशु को 9 माह पूरे होने पर एमआर की पहली खुराक के साथ दी जायेगी, जिसके लिये एएनएम व आशा वर्कर को अपने क्षेत्र के 9 माह के बच्चों की सूची तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं।
बैठक में सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों को अवगत करवाया गया कि शिशुओं को जन्म के 24 घंटे के भीतर बीसीजी, पोलियो व हेपेटाइटिस बी की डोज देने से शिशु को कई जानलेवा बीमारियों जैसे कि टी.बी., पोलियो, हेपेटाइटिस बी वायरस से बचाया जा सकता है। इसके लिए सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को निर्देश दिये गए कि यदि किसी शिशु को जन्म के 24 घंटे के भीतर उपरोक्त डोज से वंचित रखा गया तो हर वंचित शिशु के लिए 500 रुपये का जुर्माना देना होगा।
इस अवसर पर एसएमओ डॉ. शिवानी गुप्ता, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ मीनू सासन, सभी प्रवर चिकित्सा अधिकारी, निजी अस्पताल के प्रतिनिधि, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।