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उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने फसल अवशेष प्रबंधन हेतु जिला कार्यकारी समिति की बैठक की करी अध्यक्षता

– उपायुक्त ने किसानों से फसल अवशेषों को न जलाने का किया आहवान

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पंचकूला, 16 सितंबर- उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने आज जिला सचिवालय के सभागार में फसल अवशेषों के प्रबंधन हेतु जिला सतरीय कार्यकारी समिती की बैठक की अध्यक्षता की तथा संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये।


उपायुक्त ने आहवान किया कि जिला में कोई भी किसान अपनी फसल के अवशेषों को न जलाए। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगजनी की घटना न घटे इसके लिए अधिक से अधिक किसानों को समय पर इस बारे में विभाग के कर्मचारियो द्वारा जागरूक  किया जाए।


बैठक में जिला पंचकूला के किसानांे को वर्ष 2022-23 में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा ‘‘पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में फसल अवशेषों के इन-सीटू प्रबंधन के लिए कृषि मशीनीकरण को बढावा देना’’ पर चर्चा की गई। इस विषय पर समिती द्वारा आॅनलाईन प्राप्त आवेदको का चयन किया गया व लक्ष्य के अनुसार आवेदन प्राप्त हुए है।


किसानों द्वारा पराली न जलाने के विषय पर चर्चा करते हुए उपायुक्त को अवगत करवाया कि  पराली की गांठो की खरीद के लिए निजी कंपनी द्वारा ज़िला पंचकूला के गांव मौली में डम्पिंग ग्राउंड  स्थापित किया गया है। पिछले वर्ष विभाग द्वारा किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 50 रू0 प्रति किव्ंटल पराली की स्ट्रा बेलर द्वारा गांठ बनाने के लिए दिए गए थे। परन्तु इस वर्ष किसानों को विभाग द्वारा इन-सीटू तथा एक्स-सीटू के लिए 1000 प्रति एकड दिए जाने का प्रावधान किया गया है ताकि किसान पराली को आग न लगाए।  आग लगाने से भूमि के सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते है जिससे मिटी की उर्वारक शक्ति कमजोर हो जाती है। किसान अधिक जानकारी के लिए उप कृषि निदेशक अथवा सहायक कृषि अभियन्ता, पंचकुला, कृषि भवन, सैक्टर-21, पंचकुला कार्यालय में संपर्क कर सकते हंै।


इस अवसर पर उप कृषि निदेशक श्री सुरेंद्र यादव, सहायक कृषि अभियन्ता श्री ओम प्रकाश महीवाल, समन्वयक के0वी0के0श् री गुरनाम सिंह, श्री धरमेंद्र सिंह, एफ0सी कार्यालय जिला उद्यान अधिकारी, भी उपस्थित थे।

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