उपायुक्त शुक्रवार को स्थानीय उपायुक्त कैंप कार्यालय में डिस्ट्रिक वाटरशैड प्लान के तहत आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने कहा कि वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य परियोजना क्षेत्रों में मिट्टी, जल एवं वनस्पति क्षेत्र जैसे प्राकृतिक संसाधनों के पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करना है। डिस्ट्रिक वाटरशेड प्लान के तहत अधिकारी प्रत्येक खंड में एक-एक ऐसे गांव का जोहड़ चयन करें जिनमें पानी पशुओं के पीने लायक हो और व्यक्ति को भी किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। इसके अलावा समय-समय पर पानी की गुणवत्ता की जांच की जाए और जोहड़ के जल संग्रहण क्षमता को बढ़ाने की दिशा में भी कार्य किया जाए। अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि ऐसे जोहड़ों में गांवों का दुषित पानी न जाए।
उपायुक्त शुक्रवार को स्थानीय उपायुक्त कैंप कार्यालय में डिस्ट्रिक वाटरशैड प्लान के तहत आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम डबवाली डा. विनेश कुमार, एसडीएम ऐलनाबाद दिलबाग सिंह, नगराधीश कुलभूषण बंसल, डीआरओ विजेंद्र भारद्वाज, अधीक्षक अभियंता सिंचाई विभाग आत्मा राम भांभू, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद सुमित मलिक सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
उपायुक्त बिढ़ान ने कहा कि डिस्ट्रिक वाटर शैड प्लान के तहत अधिकारी प्रत्येक खंड में एक-एक ऐसे गांव का जोहड़ चयन करें जिनमें पानी पशुओं के पीने लायक हो और व्यक्ति को भी किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि अधिकारी ऐसे जोहड़ों का चयन कर दो दिन में अपनी रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय में भिजवाएं। उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गांवों में पहुंच रहे पानी की क्वालिटी को समय समय पर चैक करवाएं ताकि आमजन को स्वच्छ जल मुहैया हो। उन्होंने बताया कि यह कार्य जल शक्ति अभियान के तहत किया जा रहा है। जिला में डिस्ट्रिक वाटर शैड प्लान के लिए सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता को नोडल अधिकारी बनाया गया हैं।