Awareness cum promotional programme for July, 2025 admission session by IGNOU Regional

उपायुक्त – मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम का इस वर्ष भी खरीफ सीजन 2021 में क्रियान्वयन करने का फैसला किया

For Detailed News-

पंचकूला 2 जून- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि फसल विविधकरण के अन्तर्गत मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम खरीफ 2021 लागू लगातार गिरते भूजल स्तर से चिंतित सरकार द्वारा गत वर्ष की भान्ति फसल विविधकरण के अन्तर्गत मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम का इस वर्ष भी खरीफ सीजन 2021 में क्रियान्वयन करने का फैसला किया है। यह स्कीम पूर्व की तरह कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा बागवानी विभाग द्वारा क्रियान्वित की जाएगी।


उपायुक्त ने बताया कि जो किसान धान के स्थान पर अन्य फसलों की बिजाई करेगा जिनमें कपास, मक्का, अरहर, मूंग, मोठ, उड़द, सोयाबीन, ग्वार, तिल मूंगफली खरीफ सीजन के सभी चारे, खरीफ प्याज, बागवानी, सब्जियां शामिल हैं। उन किसानों को 7000 रूपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा सत्यापन उपरान्त उनके बैंक खातों में हस्तान्तरित करवा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त यह प्रोत्साहन राशि पाने के पात्र वे किसान भी होंगे जिन्होंने गत वर्ष की गई धान की बिजाई वाले क्षेत्र को इस वर्ष खरीफ सीजन 2021 में खाली छोड़ा है।


उपायुक्त ने बताया कि मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम के तहत गत वर्ष जिन खेतों में फसल विविधकरण अपनाकर लाभ प्राप्त किया था उन्हीं खेतों में इस वर्ष भी अनुमोदित खरीफ फसलों को उगाकर लाभ प्राप्त कर सकते है। प्रोत्साहन राशि के हकदार वे किसान भी होंगे जिन्होंने मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर पंजीकरण करवाया होगा। पोर्टल पर पंजीकरण न होने पर स्कीम का लाभ नहीं दिया जाएगा।


उन्होंने बताया कि मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम में वर्णित सभी फसलों का बीमा प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत कवर होगा जिसकी प्रीमियम राशि का वहन सरकार द्वारा किया जाएगा। जिन फसलों का समर्थन मूल्य भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है उन सभी फसलों की 100 प्रतिशत खरीद भी सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर की जाएगी।

https://propertyliquid.com


उन्होंने किसानों का आहवान करते हुए कहा कि वैकल्पिक फसलें उगाकर भूमि जलस्तर को और अधिक गिरने से रोकने में अपना भरपूर योगदान दें ताकि कृषि व्यवसाय हमेशा फलता-फूलता रहे।