उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
पंचकूला 21 सितम्बर – उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। सौर ऊर्जा के उपकरणों पर दी जा रही सब्सिडी से अब प्रदेशवासियों का रुझान बढ़ रहा है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ छोटी ढाणियों में भी यह बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। इसके उपयोग से जहां बिजली के बिलों में बचत हो रही है वहीं पर्यावरण भी स्वच्छ रहता है।
उपायुक्त ने बताया कि मनोहर ज्योति योजना के तहत हर परिवार को एक 150 वॉट का सोलर सिस्टम दिया जाता है जिसमें सोलर सिस्टम के साथ लीथियम की बैटरी भी दी जाती है। इस सिस्टम से 3 एलईडी लाइट, एक पंखा और मोबाइल चार्जिंग पोर्ट चलाया जा सकता है। योजना के तहत 150 वॉट के सोलर पैनल समेत तमाम सामान की लागत केवल 22,500 रुपए आती है। इस पर हरियाणा सरकार 15 हजार रुपए की सब्सिडी दे रही है। लाभार्थी 7500 रुपए जमा करवा कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मनोहर ज्योति योजना के लिए आवेदन करते समय आवेदक को आधार कार्ड, आधार नंबर से जुड़ा बैंक खाता, हरियाणा का निवासी होने का मूल निवासी प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी। इस योजना के तहत घर पर सोलर पैनल लगवाने हेतु आवेदन करने के लिए ींतमकं.हवअ.पद वेबसाइट पर जाना होगा। अधिक जानकारी के लिए 0172-2586933 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि खेतों में सौर पम्पों के माध्यम से सिंचाई भी बेहद कामयाब और फायदेमंद साबित हो रही है। सरकार द्वारा किसानों को सौर पंप पर भी अच्छी खासी सब्सिडी दी जा रही है। यह पम्प लगाकर किसान ही नहीं बल्कि गौशालाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है जिससे उनके डीजल पर होने वाले भारी-भरकम खर्च से बच सकते हैं। योजना के तहत 3 एचपी, 5 एचपी, 7.5 एचपी और 10 एचपी तक सौर पंप उपलब्ध हैं । इन पम्पों पर किसान को केवल 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा बाकी की 75 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दी जाएगी। इस योजना के तहत अनुदान का लाभ केवल उन किसानों को मिलेगा, जो अपने खेत में स्प्रिंकलर सैट (फव्वारा सिस्टम), ड्रिप सिस्टम (टपका सिंचाई) या फिर भूमिगत पाइप लाइन का उपयोग करेंगे।
उपायुक्त ने बताया कि सरकार ने घरेलू, संस्थानिक एवं वाणिज्यिक भवनों के बिजली बिलों में कमी लाने के लिए ग्रिड आधारित रूफ टॉप पावर प्लांट लगाने वालों को भी अनुदान देने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत एक से 10 केडब्ल्यू के घरेलू पावर प्लांट पर 40 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिजली की बचत करना बिजली उत्पादन करने से भी अधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए विभिन्न माध्यमों के द्वारा लोगों को बिजली यानी ऊर्जा की बचत करने के लिए ने प्रेरित किया जाता है।