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उपायुक्त ने जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी की आयोजित बैठक की करी अध्यक्षता

-लोगों से डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सुरक्षा उपायों की पालना करने की करी अपील

– डेंगू से बचाव के लिए अपने आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें- उपायुक्त

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पंचकूला, 5 अप्रैल-           उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि वे डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सुरक्षा उपायों की पालना करें। यदि फिर भी उन्हें डेंगू या मलेरिया के लक्षण हों तो अपनी नजदीकी पीएचसी/सीएचसी में डाक्टर को अवश्य दिखाएं और इलाज में देरी न करें।


    उपायुक्त आज जिला सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी की आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर पंचकूला नगर निगम के महापौर श्री कुलभूषण गोयल भी उपस्थित थे।
    श्री महावीर कौशिक ने संबंधित विभागों को निर्देश दिये कि जिला में पानी की प्रयाप्त सप्लाई सुनिश्चित करें ताकि लोगों को पानी स्टोर न करना पड़े जो कि लारवा बनने का मुख्य कारण है। उन्होंने नगर निगम, नगर परिषद तथा एचएसवीपी के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिय कि जिन क्षेत्रों में डेंगू व मेलेरिया के मच्छर अधिक पनपने की संभावना है वहां पर नियमित चैकिंग की जाए तथा पानी के सैंपल लिए जाएं। इसके अलावा उन क्षेत्रों में हर 7 दिन में एक बार फाॅगिंग करवाई जाए ताकि मच्छरों को खतम किया जा सके।


    उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिये कि प्रतिदिन सुबह प्रार्थना सभा के समय स्कूलों में बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें ताकि वे आगे अपने अभिभावकों को भी जागरूक कर सकें। इसके अलावा स्थानीय डाॅक्टरों को स्कूल में आमंत्रित किया जाए ताकि वे बच्चों को डूज़ एण्ड डांटस के बारे में बेहतर तरीके से बता सकें।


    उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिये कि वे अपने कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को प्रेरित करें कि वे अपने आसपास तथा घरों में स्वच्छता रखें और पानी इकट्ठा न होने दें ताकि डेंगू व मलेरिया को पनपने से रोका जा सके।


    उपायुक्त ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे डेंगू से बचाव के लिए जिला प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए अपने आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें और यदि कहीं पानी इकट्ठा हुआ हो तो उस स्थान को मिट्टी से भर दें या उसमें जला हुआ अथवा मिट्टी का तेल डाल दें। इसके अलावा सोते समय शरीर को ढक कर सोयें अथवा मच्छरदानी या मच्छर भगाने वाली दवाई का प्रयोग करें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें। उन्होंने बताया कि घरों के कूलर, होदी, टैंकी, पानी के बर्तनों को सप्ताह में एक बार खाली करके सुखाकर व पोंछ कर ही ताजा पानी डालें क्योंकि पुराने पानी में ही मलेरिया व डेंगू का मच्छर पनपता है। घर के आंगन व छत पर टूटा-फूटा सामान, टिन, कैन, पुराने टायर, गमले व मटकों इत्यादि को न रखें क्योंकि इनमें पानी रूक जाता है और उस पानी में डेंगू/मलेरिया का मच्छर पनपता है। इसके अलावा कूलर को साफ कपड़े से सुखा कर ही भरें और बुखार होने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाएं।


    इस अवसर पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजन सिंगला, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विरेन्द्र पुनिया, एसएमओ डाॅ. राजीव नरवाल, स्वास्थ्य विभाग से डाॅक्टर स्नेह सिंह, डाॅ अरूणदीप सिंह, एएमओ डाॅ. अनिल आर्या, जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग के एसडीई धमेन्द्र सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य विभागों के संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।

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