*Chandigarh Shines in Swachh Survekshan 2024–25; Enters the Super Swachh League Cities*

अवैध लिंग जांच पर अंकुश लगाने के लिए क्लीनिकों की निरंतर जांच करें अधिकारी-उपायुक्त

-उपायुक्त ने पीसी-पीएनडीटी ऐक्ट के तहत संबंधित अधिकारियों की आयोजित बैठक की करी अध्यक्षता
-लिंग जांच संबंधि जानकारी देने वाले को ईनाम स्वरूप दी जाती है एक लाख रूपए की राशि-डीसी

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पंचकूला, 9 अगस्त- उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवैध लिंग जांच पर अंकुश लगाने के लिए जिला के क्लीनिकों की निरंतर छापेमारी करें। इसके अलावा बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के तहत लोगों को लिंग जांच न करवाने के लिए जागरू किया जाए।


उपायुक्त ने आज जिला सचिवालय के सभागार में पीसी-पीएनडीटी ऐक्ट के तहत संबंधित अधिकारियों की आयोजित बैठक की अध्यक्षता की तथा उन्हें इस दिशा में आवश्यकत दिशा-निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के शुरू होने के बाद प्रदेश में लिंगानुपात में काफी सुधार हुआ है परंतु इसमें और सुधार लाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल स्वयं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत प्रदेश में लिंगानुपात की गहनता से समीक्षा करते हैं। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जिला के जिन गांवों में लिंगानुपात कम है, वहां लोगों को विभिन्न माध्यमों से लिंग जांच न करवाने के लिए प्रेरित करें और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का संदेश दें।


उन्होंने बताया कि लिंग जांच और गर्भपात जैसे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में लिंग जांच और गर्भपात करवाने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है और यदि कोई मेडीकल क्लीनिक ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ 10 साल की सजा तथा क्लीनिक सील करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को कहीं किसी क्लीनिक या अस्पताल में ऐसा कुछ होने का पता चलता है तो वह इस बारे में प्रशासन को जाानकारी दें ताकि इस प्रकार की गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल लोगो पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि लिंग जांच संबंधि जानकारी देने वाले को एक लाख रूपए की राशि ईनाम स्वरूप दी जाती है तथा संबंधित व्यक्ति का नाम भी गुप्त रखा जाता है।


बैठक में उपायुक्त को अवगत करवाया गया कि इस वर्ष जुलाई माह तक जिला का लिंगानुपात 934-1000 रहा है। जिला में अधिकतम प्रसव, अस्पतालों के माध्यम से ही किये जाते हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग के अधीन एएनएम द्वारा रिकार्ड रखा जाता है तथा इस संबंध में मासिक रिपोर्ट दी जाती है।
इस अवसर पर एसडीएम कालका रुचि सिंह बेदी, एसीपी ममता सौदा व किशोरी लाल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गगनदीप सिंह, नगराधीश गौरव चौहान, महिला एवं बाल विकास विभाग की बाल देखभाल अधिकारी आरू वशिष्ट तथा स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।

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