हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने सरदार उद्यम सिंह के शहीदी दिवस पर पुष्पाजंलि अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
-श्री गुप्ता ने मनसा देवी सामुदायिक केंद्र का नामकरण किया शहीद उद्यम सिंह के नाम पर
-भारतवर्ष के इतिहास में शहीद का नाम धु्रव तारे की माफिक चमकता रहेगा-गुप्ता
पंचकूला, 31 जुलाई- हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने सरदार उद्यम सिंह के शहीदी दिवस के अवसर पर आज सेक्टर-6 के मनसा देवी सामुदायिक केंद्र का नामकरण शहीद उद्यम सिंह के नाम पर किया। श्री गुप्ता ने सरदार उद्यम सिंह की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर नगर निगम महापौर कुलभूषण गोयल, साहित्यकार एवं प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो. एमएम जुनेजा भी उपस्थित थें
श्री गुप्ता ने कहा कि शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले, वतन पर मिटने वालो का यहीं बाकी निशा होगा। उन्होंने कहा कि वे भारत माता के वीर सपूत सरदार उद्यम सिंह को वे नमन करते है। भारतवर्ष के इतिहास में शहीद का नाम धु्रव तारे की माफिक चमकता रहेगा और शहीद द्वारा दी गई कुर्बानी को देश सदा याद रखेंगा।
श्री गुप्ता ने कहा कि शहीद उधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब प्रांत के संगरूर जिले के सुनाम गाँव में एक जाटव (सिख) परिवार में हुआ था। सन 1901 में उधमसिंह की माता और 1907 में उनके पिता का निधन हो गया। इस घटना के चलते उन्हें अपने बड़े भाई के साथ अमृतसर के एक अनाथालय में शरण लेनी पड़ी। उधमसिंह के बचपन का नाम शेर सिंह जाटव और उनके भाई का नाम मुक्तासिंह जाटव था, जिन्हें अनाथालय में उधमसिंह और साधुसिंह के रूप में नए नाम मिले।
उन्होंने बताया कि अनाथालय में उधमसिंह जाटव की जिंदगी चल ही रही थी कि 1917 में उनके बड़े भाई का भी देहांत हो गया। वह पूरी तरह अनाथ हो गए। 1919 में उन्होंने अनाथालय छोड़ दिया और क्रांतिकारियों के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में शमिल हो गए। उधमसिंह अनाथ हो गए थे परंतु इसके बावजूद वह विचलित नहीं हुए और देश की आजादी तथा जनरल डायर को मारने की अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए लगातार काम करते रहे।
उन्होंने बताया कि वीर उधमसिंह जलियावाला बाग की घटना से काफी विचलित हो गये। उन्होनंे जलियांवाला बाग हत्याकांड के 21 साल बाद 13 मार्च 1940 को रायल सेंट्रल एशियन सोसायटी की लंदन के काक्सटन हाल में बैठक थी जहां माइकल ओश्डायर भी वक्ताओं में से एक था। उधम सिंह उस दिन समय से ही बैठक स्थल पर पहुँच गए। अपनी रिवॉल्वर उन्होंने एक मोटी किताब में छिपा ली। इसके लिए उन्होंने किताब के पृष्ठों को रिवॉल्वर के आकार में उस तरह से काट लिया था, जिससे डायर की जान लेने वाला हथियार आसानी से छिपाया जा सके। बैठक के बाद दीवार के पीछे से मोर्चा संभालते हुए उधम सिंह ने माइकल ओश्डायर पर गोलियां दाग दीं। दो गोलियां माइकल ओश्डायर को लगीं जिससे उसकी तत्काल मौत हो गई। उधम सिंह ने वहां से भागने की कोशिश नहीं की और अपनी गिरफ्तारी दे दी। उन पर मुकदमा चला। 4 जून 1940 को उधम सिंह को हत्या का दोषी ठहराया गया और 31 जुलाई 1940 को उन्हें पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई। शहीद भगत सिंह सरदार उद्यम सिंह के प्रेरणा स्त्रोत रहे। उद्यम सिंह सदैव भगत सिंह की फोटो अपने पास रखते थे।
श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसे शहीद कभी मरते नहीं है अमर हो जाते है और युवाओं के लिये एक मिसाल बन जाते हैं।
श्री गुप्ता ने कहा कि 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा हैं। उन्होंने पंचकूलावासियों से अपील की कि वे इस अभियान को सफल बनाने के लिये अपने अपने घरों पर तिरंगा अवश्य लगाये। उन्होंने कहा कि 1 अगस्त से 15 अगस्त तक स्वच्छता अभियान की शुरूआत की जा रही हैं और जिला में वार्ड नंबर 1 से आज ही इस अभियान की शुरूआत की जायेगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान जन भागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता। उन्होंने सभी जिलावासियों से इस अभियान को सफल बनाने की अपील की।
इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष व आये हुये पार्षदों को कंबोज सभा ने सरदार उधम सिंह की प्रतिमा देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर वार्ड नंबर एक पार्षद नरेंद्र लुबाना, डाॅ महेंद्र कंबोज, जिला महामंत्री परमजीत कौर, पार्षद हरेंद्र मलिक, सुरेश वर्मा, सुनित सिंगला, जय कौशिक सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।