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हरियाणा रीजनल चैप्टर आईटीपीआई में ‘अर्बन हीट आईलैंड कॉजेज, इफेक्ट्स एड मिटिगेशन स्ट्रेटजी’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

– शहरीकरण के साथ-साथ वातावरण में बढ़ते तापमान को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता पर दिया गया बल

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पंचकूला 19 अगस्त। प्रदेश में शहरीकरण के साथ-साथ तापमान को  बढ़ने से रोकने की दिशा में क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं, को लेकर आज हरियाणा रीजनल चैप्टर आईटीपीआई में ‘अर्बन हीट आईलैंड कॉजेज, इफेक्ट्स एड मिटिगेशन स्ट्रेटजी’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

       हरियाणा रीजनल चैप्टर आईटीपीआई में आयोजित इस कार्यशाला में हरियाणा तथा आसपास के प्रदेशो से टाउन प्लानर्स सहित वर्ल्ड बैंक से आए शोधकर्ताओं, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के प्रतिनिधियों ने भाग लेते हुए अपने विचार सांझा किए। इस दौरान उन्होंने बताया कि शहरीकरण के साथ-साथ किन-किन मानदंडों व प्रावधानों का ध्यान रखना चाहिए ताकि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें।

इस मौके पर हरियाणा के आईटीपीआई एचआरसी के चेयरमैन तथा चीफ टाउन प्लानर पी पी सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि दिन प्रतिदिन शहरीकरण के चलते हो रहे निर्माण के कारण वातावरण ने तापमान दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि निरंतर बढ़ता हुआ तापमान हम सभी के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि इस दिशा में एक जुटता से प्रयास किया जाए। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जिन क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां अधिक है और जिन क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां नहीं है उनमें लगभग 8 डिग्री सेल्सियस तापमान का अंतर पाया गया है।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में लागू की जाने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन के समय ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों से किस प्रकार निपटा जा सकता है, आदि के बारे में जागरूक करना है। कार्यशाला में सर्वप्रथम सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट से सस्टेनेबल बिल्डिंग और हैबिटेट प्रोग्राम के प्रोग्राम डायरेक्टर रजनीश सरीन ने अपने विचार रखें उन्होंने ‘ सिटीज एंड हिट रीसाइलेंस’ विषय पर संबोधित करते हुए पर्यावरण संरक्षण में सतत शहरीकरण ,स्वच्छ वायु कार्य योजना, क्लाइमेट एक्शन सहित अन्य विषयों की आवश्यकता पर बल दिया ।


इसी प्रकार सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट से मिताशी सिंह ने ‘अर्बन स्ट्रक्चर का तापमान पर प्रभाव- केस स्टडीज’ तथा वर्ल्ड बैंक से अनूप करानत ने ‘रिस्क सेंसिटिव प्लैनिंग एंड अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर रेसिलियंस ‘ विषय पर अपने विचार रखें।

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