हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल गुज्जर से मुलाकात के दौरान नई शिक्षा नीति के विषय में विस्तार से हुई चर्चा- बंतो कटारिया
पंचकूला, 5 अक्तूबर- भाजपा की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष व गेल की पूर्व स्वतंत्र निदेशक श्रीमती बंतो कटारिया ने बताया कि हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल गुज्जर से मुलाकात के दौरान उन्होंने नई शिक्षा नीति के विषय में विस्तार से चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि यह नीति 34 वर्ष की प्रतीक्षा के बाद आई है, जो करोड़ों युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं को साकार करने वाली हैस जिसका देश के शैक्षणिक परिदृश्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। इससे आंतरिक बदलाव होगा और संसाधनों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत के भविष्य को नई दिशा मिलेगी और भविष्य में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने उन्हें विश्वास दिलाया कि इस शिक्षा नीति में प्री-स्कूल से ही एक बच्चे के लिये अधिक सुगम व सक्षम परिवेश सुनिश्चित करना हैं। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए कभी भी पाठ्यक्रम को छोड़ने के लिए उपयुक्त प्रमाण के साथ पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने और छोड़ने के कई विकल्प होंगे। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पना किए गए इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों के लिए आवश्यक है। यह नीति विश्व स्तर की शिक्षा प्रणाली के इतिहास में सबसे अधिक परामर्श प्रक्रियाओ के बाद लाई गई है और भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के शीर्ष पर पहुंचाने के हमारे नेतृत्व के संकल्प और दृष्टिकोण को दर्शाती है। बंतो कटारिया ने कहा जैसा कि हम अमृत महोत्सव या भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहे हैं, वैसे ही यह नीति आज के 5 से 15 वर्ष तक की आयु के उन बच्चों को तैयार करेगी जो भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 30 से 40 वर्ष आयु के होंगे और देश के उज्जवल भविष्य के लिये काम करेगे।
बंतो कटारिया ने कहा नई शिक्षा निति हरियाणा के करोड़ो बच्चों के लिये गेम चेजर साबित होगी और अब ये छात्र कौशल शिक्षा में निपुण होकर आने वाले समय में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मुख्य भूमिका अदा करेगे। हरियाणा प्रदेश में शिक्षा निति को सफलतापूर्वक एवम जोरदार ढंग से लागू करने पर शिक्षा मंत्री का धन्यवाद करते हुये बंतो कटारिया ने कहा आज सामान्य श्रेणी के विधार्थीयों के साथ-साथ लाखों गरीब समाज के बच्चे भी नई शिक्षा निति के माध्यम से लाभ उठा रहे हैं।