हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल 11 नवंबर को पिंजौर स्थित हरियाणा गौवंश अनुसंधान केन्द्र में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय गोपाष्टमी कार्यक्रम में होंगे मुख्य अतिथि- अध्यक्ष, गौ सेवा आयोग
-मुख्यमंत्री चार परियोजनाओं का करेंगे उदघाटन-श्रवण कुमार गर्ग
-विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता, अंबाला के सांसद रतन लाल कटारिया, शिक्षा, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री कंवर पाल और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल भी करेंगे शिरकत
– हरियाणा के सभी 90 विधानसभाओं में 580 से अधिक पंजीकृत गउशालाओं में बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है गोपाष्टमी पर्व
पंचकूला, 8 नवंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल 11 नवंबर को सायं 3 बजे पिंजौर स्थित हरियाणा गौवंश अनुसंधान केन्द्र में गोपाष्टमी पर्व के उपलक्ष में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चार परियोजनाओं का उदघाटन भी करेंगे।
यह जानकारी हरियाणा गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्रवण कुमार गर्ग ने आज यहां आयोजित एक प्रैस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता, अंबाला से सांसद रतन लाल कटारिया, शिक्षा, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री कंवर पाल और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल भी शिरकत करेंगे।
श्री श्रवण कुमार गर्ग ने बताया कि गोपाष्टमी पर्व हरियाणा के सभी 90 विधानसभाओं में 580 से अधिक पंजीकृत गउशालाओं में बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है। पर्व का समापन 11 नवंबर को पिंजौर स्थित हरियाणा गौवंश अनुसंधान केन्द्र में होगा। उन्हांेने बताया कि गोपाष्टमी पर्व हर वर्ष मनाया जाता है, परंतु इस वर्ष मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में इसे राज्य स्तर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तरीय गोपाष्टमी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गउशालाओं के विकास के लिए अब तक किए गए कार्यों के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं को सांझा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री जिन नई परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे उनमे गोबर से प्राकृतिक पेंट, फिनाइल, गमले और गोबर से प्रोम तैयार करना शामिल हैं। उन्हांेने बताया कि गोबर से तैयार पेंट बाजार में बिकने वाले सिंथेटिक पेंट की तुलना में बढिया और पर्यावरण के अनुकूल होगा। उन्होंने बताया कि गोबर से तैयार फिनाइल का लैब परीक्षण हो चुका है जिसमें यह 99.99 प्रतिशत बैक्टीरिया नाशक पाया गया है। उन्होंने बताया कि वन विभाग से बातचीत कर यह निर्णय लिया गया है कि भविष्य में सभी पौधों को गोबर से बने गमलों में रोपित कर गमलों सहित भूमि में लगाया जायेगा, जिससे भूमि की उर्वरक शक्ति बढेगी और पाॅलिथीन से होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि गोबर से तैयार प्रोम डीएपी का विकल्प है। इसकी लैब टैस्टिंग पूरी हो चुकी है और यह एफपीओ के सभी मापदंडों पर खरा उतरा है।
श्री गर्ग ने बताया कि 1966 से लेकर अब तक हरियाणा में गौवंश के कल्याण के लिए जितने भी कार्य किए गए हैं, उससे 50 गुना अधिक कार्य मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के अब तक के 7 साल के कार्यकाल में हुए हैं जिसमें मुख्यतः ‘काओ टास्क फोर्स’ का गठन, गउ सुरक्षा के लिए कठोर कानून लागू करना, गउशालाओं के लिए 6 से 8 रूपए प्रति युनिट बिजली की दर को कम करके 2 रूपए प्रति युनिट करना शामिल है। इसके अलावा गउशाला के लिए भूमि खरीद और दान में दी गई भूमि पर मात्र 1 प्रतिशत रजिस्ट्री शुल्क का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने गउशालाओं के विकास के लिए गौसेवा आयोग के माध्यम से 100 करोड़ रूपए का अनुदान दिया है।
गौसेवा आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में हरियाणा गौसेवा आयोग कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि गांय को हमारे समाज में माता का दर्जा प्राप्त है और आयोग का यह लक्षय है कि एक भी गांय सड़क पर बेसहारा न रहे। उन्होंने कहा कि जब तक इस लक्षय की प्राप्ति नहीं हो जाती आयोग का यह अभियान जारी रहेगा।
इस अवसर पर गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष विद्यासागर बाघला, सचिव चिरंतन कादयान, तकनीकी सलाहकार सुधीर राणा, सदस्य कुलबीर खरब, प्रदेश अध्यक्ष प्रधान गौशाला सेवा संघ जगदीश मालिक, पशु चिकित्सक अश्वनी कुमार तथा सलाहकार ओमप्रकाश गुप्ता भी उपस्थित थे।