जब महिलाएं बिना दबाव के निर्णय लेने में सक्षम होगी तभी वास्तव में सशक्त होंगी-राकेश कुमार आर्या

श्रीमती धीरा खण्डेलवाल की पुस्तक व्योम विस्तार का पुस्तक मेले के मंच पर  हुआ  लोगार्पण

जो दूसरों के दुख दर्द को समझे वही सच्चा इंसान- धीरा खण्डेलवाल

मन का दीप जलाओगे तो जिंदगी में कभी  अंधेरा नहीं होगा, इसलिए सपने देखना कभी न छोडो

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पंचकूला 17 दिसम्बर: एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को साकार करने के लिए श्री पी के दास के मार्गदर्शन में आयोजित प्रथम पंचकूला पुस्तक मेले के चौथे दिन वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रसिद्ध लेखक कवि श्रीमती धीरा खण्डेलवाल ( सेवानिवृत आईएएस) के काव्य संग्रह “व्योम विस्तार” का लोकार्पण किया गया।


इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए श्रीमती धीरा खण्डेलवाल ने कहा कि  जिंदगी में सबसे जरूरी है एक बेहतर इन्सान बनना,और बेहतर इन्सान बनने के लिए किताबों का पढ़ना बहुत जरूरी है। उन्होने कहा कि किसी व्यक्ति के कैरियर की उम्र  60 वर्ष की होती है, परन्तु एक बेेहतर इन्सान जिंदगी भर तथा जिंदगी के बाद भी याद किया जाता है। उन्होने कहा कि  जिंदगी के सभी उलझे सवालों को यदि हल करना है तो किताबें पढ़े, ये आप की हर समस्या का समाधान कर देगा।


अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष विद्युत विभाग श्री पी के दास ने कहा कि यह पुस्तक मेले की सफलता ही है कि धीरा खण्डेलवाल ने अपनी पुस्तक की लोकार्पण के लिए इस मंच को चुना।
इस अवसर पर वाणी  प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरूण माहेश्वरी ने कहा कि पंचकूला पुस्तक उत्सव युवाओं के बीच साहित्य ले जाने का उत्सव है। पुस्तक लोकार्पण के बाद श्रीमती धीरा खण्डेलवाल ने अपनी कुछ कविताओं का सस्वर पाठ किया।
“ याद आती है, सुनो तुम रोना मत
कितने फसाद होते, गर सारे किस्से याद होते,
आसमां के पास जमीं नहीं ,मुझे कोई कमी नहीं।”

 सडक सुरक्षा जीवन रक्षा विषय पर  हुआ विमर्श एवं नाटकों का मंचन
दुर्घटना मुक्त हरियाणा का सपना तभी साकार होगा। जब लोग सडक पर “पहले आप” की संस्कृति का पालन करेगे- हरदीप सिंह
द्वितीय सत्र में आज सडक सुरक्षा जीवन रक्षा विषय पर  विमर्श का आयोजन किया गया, जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री हरदीप सिंह (आईएएस) ने लोगो सम्बोधित करते हुए कहा कि  दुर्घटना मुक्त हरियाणा का सपना तभी साकार होगा जब लोग सडक पर “पहले आप” की संस्कृति का पालन करेंगे। उन्होने कहा कि वे मीडिया से भी करते हैं कि  सडक सुरक्षा को एक मिशन के रूप में महत्व दें।  
इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए श्री मनमोहन माटा ने कहा कि सडक पर वाहन चलाते हुए थोडी सी लापरवाही के कारण या तो दूसरे की जान ले लेते है या खूद की । इसलिए सडक दूर्घटना से बचने के लिए हमें अपने बच्चों में सडक के नियमों को संस्कार में धारण करने की सीख देनी होगी।  इस अवसर पर स्वागत करते हुए श्री मनोज वत्स ने कहा कि आज की युवा पीढी सडक पर बेहतर नागरिक होने का प्रमाण देगी, तभी दुर्घटनाओं की आवृति में कमी होगी।
विमर्श में भाग लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी डा. सतपाल कौशिक ने कहा कि पंचकूला के स्कूलों में सडक सुरक्षा की थीम पर 10 नाटकों का मंचन कर और उसे पुस्तक मेले के मंच पर प्रदर्शित कर युवाओं को सडक सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए एक अच्छा प्रयास है।

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