राजकीय महाविद्यालय कालका में टाई एवं डाई प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर शिवानी व हिमानी रही द्वितीय
राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या श्रीमती प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में गृह विज्ञान विभाग द्वारा टाई एवं डाई प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया।
प्राचार्या प्रोमिला मलिक ने अपने संबोधन में कहा कि टाई डाईज़ का एक समृद्ध इतिहास है जो कई संस्कृतियों और महाद्वीपों तक फैला हुआ है। आज फैशन, कला और सजावट के विभिन्न रुपों में इनका व्यापक रुप से उपयोग किया जाता है। टाई- डाई एक कपड़ा कला है जो कपड़े पर अद्वितीय डिजाइन बनाने के तरीके के रूप में विभिन्न रंगों के धागे का उपयोग करती है। टाई- डाई की प्रक्रिया सरल है लेकिन परिणामी डिजाइन बेहद रंगीन और जटिल होते हैं। टाई- डाई का उपयोग कपड़े, कंबल, तकिए और यहां तक की फर्नीचर के लिए भी किया जा सकता है। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने धारीदार, सर्पिल टाई- डाई, बुल्स आई टाई- डाई, मोर टाई- डाई, बंडाना टाई- डाई, बाटिक टाई-डाई, पोल्का डॉट टाई-डाई तकनीक से कपड़ों को रंगा। प्रतियोगिता का परिणाम इस प्रकार रहा। प्रथम स्थान पर बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा शिवानी रही। द्वितीय स्थान बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा हिमानी ने प्राप्त किया। तृतीय स्थान पर बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा कोमल और वंदिनी रही। प्रस्तुत कार्यक्रम गृह विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर सोनाली के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया। डॉ सोनाली ने विद्यार्थियों को टाई और डाई करने की विभिन्न तकनीक सिखाई। निर्णायक मंडल की सदस्या प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु, प्रोफेसर डॉक्टर पूजा सिंगल और प्रोफेसर डॉक्टर नवनीत नैंसी रही।