मेरा पानी-मेरी विरासत योजना से तीहरा लाभ-उपायुक्त
पंचकूला 10 जुलाई- जिला में जल संरक्षण की दिशा में किसानों के लिए ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के अंतर्गत फसलों के विविधीकरण को विस्तार देने हेतू तालाबों के जीर्णोद्धार व जलशोधन की महत्वपूर्ण परियोजना क्रियान्वित की गई है।
इस संबध में जानकारी देते हुए उपायुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के अंतर्गत धान की फसल के स्थान पर कम पानी के उपयोग वाली दलहनी व तलहनी फसलों की कृषि अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत जिला में निर्धारित किए गए लक्ष्य से भी अधिक क्षेत्र में धान की अपेक्षा अन्य फसलों को उगाने की कृषि विभाग योजना का लाभ उठाने के लिए किसान फसल विविधिकरण को बढावा दे रहे हैं। इसके अलावा धान की फसल को छोड़कर प्रति हैक्टेयर नकद राशि का लाभ ले रहें है। इस प्रकार मेरा पानी मेरी विरासत योजना किसानों के लिए दोहरा ही नहीं तीहरा लाभ देने वाली है। इससे जंहा जिला में गिरते भूजल से निजात मिलेगी, वही भविष्य के लिए पानी का संचय भी हो सकेगा ओर किसानों को प्रोत्साहन भी अलग से मिलेगा।
उपायुक्त ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत तालाबों के जीर्णोद्धार व जल शोधन के लिए जिला में लगभग 700 से अधिक तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा तालाबों के जल को जैविक विधि से शुद्ध करने की योजना के अंतर्गत कई गांवों के तालाबों को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया जाएगा ताकि हर गांव के तालाब के गंदे पानी को शुद्व करके कृषि के साथ- साथ बागवानी, पौधारोपण, सब्जी एवं फलों की पैदावार बढाने आदि अन्य कार्यो के लिए उपयोग में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि अटल भूजल योजना के अंतर्गत जिला में गिरते भूजल को नियंत्रित करने के लिए वाटर रीचार्ज वेल भी स्थापित किए जा रहे है। इस प्रकार सरकार की ओर से जल संरक्षण की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसलिए किसानों को भी इस योजना में भरपूर सहयोग करके पानी बचाओ, फसल विविधिकरण अपनाओ, अधिक मुनाफा कमाओ की ओर ध्यान देना चाहिए ताकि जिला के किसी भी क्षेत्र में जल की कमी महसुस न हो।