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मुख्यमंत्री की घोषणा से छंटे अनिश्चितता के बादल कॉलोनियों से हटाया अवैध का ठप्पा

पंचकूला 17 मार्च-

सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए पोर्टल तैयार, भविष्य में नहीं बन सकेंगे अवैध कॉलोनियां


विधान सभा अध्यक्ष का आभार प्रकट कर रहे लोग गुप्ता बोले-यह सीएम की दरियादिली

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खून.पसीने की कमाई से आशियाना बनाने वाले लोगों की आखिरकार सरकार ने भी सुध ले ली है। शहर के आसपास बनी कॉलोनियों पर लगा अवैध का ठप्पा प्रदेश की मनोहर सरकार ने हटा दिया है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अभी तक अवैध मानी जानी वाली अनेक पुरानी कॉलोनियों के लिए मूलभूत सुविधाएं देने का भी ऐलान कर दिया है। मुख्यमंत्री की इस घोषणा की जानकारी पंचकूला में तेजी से फैली और विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को आभार प्रकट करने वालों के फोन आने शुरू हो गए। ज्ञान चंद गुप्ता ने इस घोषणा के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इससे पंचकूला में हजारों परिवारों के भविष्य से अनिश्चितता के बादल छंटेंगे। इसके साथ ही प्रशासन भविष्य में अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर सख्ती से रोक भी लगाएगा।


ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि वर्तमान सरकार आम आदमी के हितों से सीधे सरोकार रखती है। मध्यम वर्ग के लोग जीवन भर की कमाई का पाई-पाई जोड़कर अपना घर बनाते हैं। इनमें से अनेक लोग शहर में पॉश इलाकों में घर नहीं ले पाते तो आसपास की कॉलोनियों में परिवार के लिए छत का प्रबंध करते हैं। जिले में अनेक कॉलोनियों को अवैध घोषित कर उन्होंने मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की पीड़ा और जरूरत को समझते हुए यहां मूलभूत सुविधाएं देने का ऐलान किया है। अब यहां किसी भी परिवार को बिजलीए पानीए सड़क और सीवरलाइन जैसी सुविधाओं के लिए तरसना नहीं पड़ेगा। गुप्ता ने लोगों से आह्वान भी किया कि भविष्य में किसी भी प्रकार की अवैध कॉलोनियों के निर्माण को प्रोत्साहन न दें। इससे शहर का विकास प्रभावित होता है।


मुख्यमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि इन घोषणाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार का विलंब न किया जाए। इसके बाद जिला प्रशासन विशेषकर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग भी सक्रिय हो गया और वेब पॉर्टल तैयार कर लोगों से उनकी जरूरत पूछनी शुरू दी। पंचकूला में इतनी तेजी से कार्रवाई होती देख लोगों की खुशी दोगुना बढ़ गई।

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प्रशासन ने तुरंत निर्धारित मापदडों के अनुसार विकसित हो चुकी कालोनियों में बिजली पानी सड़क सीवरलाइन आदि मूलभूत सविधाओं का डाटा तैयार करने का निर्णय लिया। शहर की रैजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन, स्थानीय बिल्डर या कालोनाइजर्स से शहर में बसी ऐसी कॉलोनियों में बुनियादी सविधाओं की कमी के बारे में जानकारी मांगी जा रही है। उपायुक्त ने लोगों से वेबसाइट पर अपना डाटा अपलोड करने का आह्वान किया ताकि उन्हें जल्द से जल्द सुविधाएं पहुंचाई जा सके।